बढ़ती उम्र के साथ ही आंखों की रौशनी काम होना कोई नयी बात नहीं है। इसके साथ ही अब बढ़ती उम्र में आँखों की बीमारियां भी लोगों को घेर रही हैं। आंखों की बीमारियां भी कई तरह की होती हैं। हालांकि आजकल तो छोटे छोटे बच्चों को भी बीमारियां हो रही हैं। आँखों की एक बीमार जो की आजकल लोगों में देखने में आ रही है वो है एक आंख में चकत्तेदार अध: पतन (मेकुलर डीजेनरेशन)। अध: पतन (मेकुलर डीजेनरेशन) इस बीमारी के बारे में अभी ज्यादा जागरूकता नहीं है। पहले इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था। लेकिन अब इस बीमारी का इलाज चिकित्सा जगत में उपलब्ध है।
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उच्च रक्तचाप के रोगियों में आम है ये बीमारी
- डॉक्टर्स बताते हैं कि उम्र से सम्बंधित आंखों में चकत्तेदार अध: पतन (मेकुलर डीजेनरेशन) हो जाता है।
- जिसका पहले कोई इलाज नहीं था। अब इस बीमारी का इलाज चिकित्सा जगत में उपलब्ध है।
- इसके इलाज के लिए एंटी वीईजीएफ थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
- यह बीमारी 50 से 60 वर्ष के उम्र के लोगो में ज्यादा पाई जाती है।
- मधुमेह रोगियों और उच्च रक्तचाप के रोगियों में यह बीमारी बहुतायत में पाई जाती हैं।
- यह बीमारी मोतियाबिन्द के बाद सबसे बड़ा कारण है। आखों की रोशनी कम होने का।
- अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर जल्द से जल्द किया जाये तो इससे आखों की रोशनी को वापस लाया जा सकता है।
- इस बीमारी का मुख्य कारण मरीज के आखों के पर्दे के उपर सूजन आ जाना है।
- साथ ही पर्दे पर खून का रिसाव हो जाने से कालापन हो जाने की वजह से भी ये होता है।
- उन्होंने यह भी बताया कि एंटी वीईजीएफ थेरेपी के इस्तेमाल से मरीज के आखों की दो से तीन लाइन रोशनी को वापस लाया जा सकता है।
- एंटी वीईजीएफ थेरेपी में तीन प्रकार के इंजेक्शनों का इस्तेमाल किया जाता है।
- जिसमे सबसे नवीन और प्रभावी खोज है ए फाइबरसेप्ट।
केजीएमयू में संभव है इसका इलाज
- चिकित्सा विश्व विद्यालय के नेत्र रोग विभाग के डॉ0 संदीप ने बताया कि विभाग के रेटिना क्लीनिक में इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है।
- इसका सही समय पर उपचार कराने से रोगी की आंखों की रोशनी वापस लाई जा सकती है।
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