उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में बीते शुक्रवार की आधी रात के बाद के घटनाक्रम को मीडिया के जरिये पूरी दुनिया जान चुकी है। शहर में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड की एसआईटी टीम जांच कर रही है और दो बार क्राइम सीन का रीकंस्ट्रक्शन कर चुकी है। घटना के बाद से विवेक हत्याकांड की इकलौती चश्मदीद सना खान खौफ में है। पुलिस का सना पर पहरा है वहीं वह घर में ही कैद है। सना को पुलिस अभी तक किसी से मिलने नहीं दे रही थी। परंतु मंगलवार को सना ने मीडिया के सामने कमरे के भीतर से ही खिड़की के जरिये बातचीत कर घटनाक्रम बताया। हालांकि सना पूरा घटनाक्रम बताते समय काफी कुछ भूल गई। उन्होंने मीडिया से कई बातें नहीं बताई। ऐसा उन्होंने क्यों किया? क्या सना पर पुलिस का दबाव है? या कोई और वजह है ये जाँच का विषय है। हालांकि सना के खुलासों से एक बार फिर यूपी पुलिस की लचर कार्यप्रणाली और इस केस में बरती गई लापरवाही सामने आई है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ये है विवेक तिवारी की हत्या का पूरा घटनाक्रम[/penci_blockquote]
सना खान ने मीडिया को बताया कि घटना वाली रात ‘हमारे ऑफिस में आईफोन की लॉन्चिंग थी और पूर्व कर्मचारी होने के चलते मैं भी उस इवेंट में गई थी। कार्यक्रम में पुराने साथियों से बातचीत हुई और बातें करते-करते ज्यादा समय हो गया तो विवेक सर मुझे अपनी गाड़ी से घर छोड़ने के लिए घर जा रहे थे। रात के करीब एक बजे का समय होगा, हम गोमतीनगर में सरयू अपार्टमेंट के पास गाड़ी रोककर और शीशे खोलकर बातें कर रहे थे। इसी दौरान बाइक पर गश्त कर रहे पुलिस के दो सिपाही वहां पहुंचे और नाम-पता पूछने लगे। इसके बाद सिपाहियों ने पूछा कि इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो? सना ने बताया कि जिस समय हम गाड़ी रोककर बातें कर रहे थे, तो दोनों पुलिसवालों ने हमारी गाड़ी की साइड में अपनी बाइक को तिरछा खड़ा किया।
पुलिसवालों ने हमसे जब वहां रुकने की वजह पूछी तो हम लोगों ने आईफोन के लॉन्चिंग इवेंट के बारे में सबकुछ बताया। इस दौरान एक सिपाही ने हमसे गाली देकर बात की, जिस पर विवेक सर ने विरोध करते हुए गाड़ी पीछे की और जाने लगे। इसके बावजूद एक पुलिसकर्मी ने गाली देकर बात की। विवेक सर पुलिस से उलझना नहीं चाहते थे इसलिए वहां से जाने लगे और अपनी गाड़ी बैक करने लगे। गाड़ी की साइड में खड़े एक पुलिसकर्मी को बचाते हुए जैसे ही विवेक सर ने गाड़ी पीछे ली तो उनकी गाड़ी साइड में तिरछी खड़ी बाइक से टकरा गई। इस दौरान कार का पहिया बाइक के पहिये पर हल्का सा चढ़ गया। तभी एक सिपाही ने अपनी सर्विस पिस्टल निकाल ली और डिवाइडर पर खड़े होकर दोनों हाथों से पिस्टल को पकड़कर विवेक सर पर निशाना साधते हुए गोली चलाई। पिस्टल से विवेक सर को गोली मार दी।गोली विवेक सर की ठोड़ी पर लगी और खून बहने लगा। गोली लगने के बाद करीब 1 मिनट तक विवेक सर होश में थे।
इसके बाद विवेक सर की गाड़ी अंडरपास की दीवार से टकरा गई। हादसा होने के बाद कार के एयरबैग खुल गए। किसी तरह वह कार से उतरी और मदद की गुहार लगाने लगी। सना के मुताबिक, गोली पुलिस कांस्टेबल प्रशांत ने चलाई थी। उस वक्त वहां कई ट्रक ड्राइवर मौजूद थे, लेकिन कोई भी हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया। इस दौरान एक दो वाहन उधर से गुजरे पर किसी ने मदद नहीं की। थोड़ी देर बाद जब डॉयल 100 की एक गाड़ी उधर से गुजर रही थी तो उसने मदद मांगी। वह लोग मौके पर गए और गोमतीनगर पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर गोमतीनगर पुलिस आई तो काफी देर तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद पुलिस विवेक सर को जीप में ही पिछली सीट पर बिठाकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल लेकर पहुंची। इस दौरान काफी समय बीत चुका था और विवेक सर बेहोश थे। अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद पता चला कि विवेक सर मर चुके हैं। अगर उन्हें समय से अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद वो बच जाते।
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[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]विवेक की मृत्यु के बाद सना से पुलिस अधिकारियों ने की पूछताछ[/penci_blockquote]
सना खान ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने जब बताया कि विवेक सर मर चुके हैं तो पुलिसकर्मियों ने मामले को लेकर मुझसे पूछताछ शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम्हें हम घर छोड़ देते हैं। मैं पुलिस की जीप में बैठ गई, लेकिन पुलिसकर्मी मुझे मेरे घर ना ले जाकर कैसरबाग थाने ले आए। यहां बिठाकर फिर से मुझसे काफी देर तक पूछताछ की गई। इसके बाद मुझे पुलिस जीप से गोमती नगर थाने ले जाया गया और यहां भी कई अधिकारियों ने मुझसे पूछताछ की। सना ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने उसका मोबाईल भी छीन लिया। वह घर फोन करने के लिए गिड़गिड़ाती रही लेकिन पुलिस ने उसकी बात तक नहीं कराई। सना के मुताबिक, एक महिला कांस्टेबल उसे थाने में धमका रही थी। उसने सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। उसके बाद पुलिस ने उसी पर मन मुताबिक बातें लिखकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ अज्ञात में एफआईआर दर्ज की। उस घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी मेरी आंखों से उस रात का खौफनाक मंजर नहीं हट रहा। हालांकि सना मीडिया के सामने मंगलवार को दिए बयान में ये सब बताने को भूल गई।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]खुद को सिंघम’ से कम नहीं समझता है प्रशांत, फेसबुक पर नाम के आगे लिखा है ‘पीके, द रॉयल जाट’[/penci_blockquote]
राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों (प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार) को नामजद किया गया है। विवेक की हत्या के मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जबकि पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया है। आरोपी प्रशांत चौधरी अपनी निजी जिंदगी में भी खुद को हिंदी फिल्म के ‘सिंघम’ से कम नहीं समझता था। प्रशांत के फेसबुक प्रोफाइल को देखकर उसके इस अंदाज का पता चलता है। उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर अपने नाम के आगे लिखा हुआ है- ‘पीके, द रॉयल जाट’। इसी बात से लखनऊ में तैनात आरोपी पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी और उसकी पत्नी राखी मलिक के दबंग अंदाज का अंदाजा लगाया जा सकता है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]विभाग के नियम तोड़ अभियुक्त के समर्थन में उतर रहे नए रंगरूट[/penci_blockquote]
बता दें कि प्रशांत चौधरी यूपी के बुलंदशहर के रहने वाला है। 2015 में प्रशांत यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। प्रशांत की पत्नी राखी मलिक भी यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं और लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही तैनात हैं। प्रशांत चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद यूपी पुलिस के कुछ जवान उसके समर्थन में भी उतर आए हैं। आरोपी कॉस्टेबल को बचाने के लिए यूपी पुलिस के सिपाहियों ने सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू कर दी है। सिपाहियों ने यूनियन बनाकर आरोपी प्रशांत चौधरी और संदीप का केस लड़ने का निर्णय लिया है। सोशल मीडिया के जरिए यूपी के सभी सिपाहियों से अपील की गई है कि प्रशांत और संदीप को बचाने के लिए उनके खाते में 5 करोड़ जमा करवाने हैं और इसके लिए सभी सिपाही सहयोग करें। इसके लिए बैंक अकाउंट नंबर भी जारी किया गया है। खबरों के मुताबिक, अभी तक राखी के खाते में करीब पांच लाख रुपये से अधिक की धनराशि जमा की जा चुकी है। सोशल मीडिया पर खबरें ये भी हैं कि लखीमपुर खीरी के पुलिसकर्मी आरोपी के समर्थन में 25 अक्टूबर को एकजुट होकर अवकाश पर रहेंगे। एक अभियुक्त के समर्थन में सामने आ रहे सभी पुलिसकर्मी दो साल पहले की बैच के बताये जा रहे हैं जो विभाग के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अमिताभ ठाकुर पत्नी नूतन के साथ घटनास्थल पर पहुंचे[/penci_blockquote]
अमिताभ ठाकुर ने बताया कि मैंने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ आज थाना गोमतीनगर तथा गोलीकांड के घटनास्थल पर जा कर देखने तथा समझने की कोशिश की। यह घटना अपने साथ कई बड़े सवाल तथा मुद्दे समेटे हुए है जो पुलिस तथा पुलिसिंग के बुनियादी प्रश्नों से जुड़े हुए हैं। अब तक मैंने जो कुछ भी जाना और समझा है उससे मैं इतना निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि इस घटना को अत्यंत गंभीरता तथा संजीदगी से देखे जाने की जरुरत है। विभिन्न स्तरों पर ऐसा हुआ है जो नहीं होता तो पुलिस व्यवस्था के लिए बेहतर होता। इस घटना को लेकर विभिन्न वर्गों में कई प्रकार के सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस को ही देने हैं। अतः पुलिस को अत्यंत सावधानी, निष्पक्षता तथा पारदर्शिता से इस घटना तथा इससे जुड़े सभी पात्रों एवं तथ्यों को लेना होगा ताकि समाज में सही सन्देश जाये एवं पुलिस के अन्दर के लोगों सहित तमाम वर्ग पुलिस पर विश्वास का जो संकट प्रदर्शित कर रहे हैं, उसका पूर्ण अंत हो सके। सबसे बड़ी बात तो यह कि पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली ऐसी बनानी ही पड़ेगी कि उसे हर समय नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही पुलिस तथा पुलिसकर्मियों की आतंरिक समस्याओं पर भी ध्यान देना होगा। मैं भी इस घटना के इन बहु आयामों के मद्देनज़र इस पर अपनी दृष्टि रखने का प्रयास करूँगा तथा यदि कुछ निश्चित निष्कर्षों तक पहुँच सका तो उन्हें सक्षम प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करूँगा।
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