अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण को लेकर धर्म सेना ने धर्म संसद बुलाया है। जिसमें शामिल होने के लिए प्रदेश के कई जिलों के हिन्दू नेता धर्म संसद में पहुंच रहे हैं। इस दौरान बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रस्ताव पारित किया। बता दें कि धर्म संसद अयोध्या रामघाट के श्यामा सदन में चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट का नहीं चलेगा बहाना
धर्म सेना के संस्थापक संतोष दूबे ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो इसका परिणाम योगी और मोदी सरकार को भुगतना पड़ेगा। देश के करोड़ों हिन्दुओं ने भाजपा को राम मंदिर का विधेयक लाकर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए सत्ता में पहुंचाया है। अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट का बहाना नहीं चलेगा। राम लला टाट में और नेता लोग ठाठ में रहें नहीं चलेगा।
राम मंदिर का निर्माण किसी से पूछ कर नहीं करेंगे
वहीं करपात्री जी महाराज ने कहा कि जिन हाथों ने बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया वही हाथ अब भव्य राम मंदिर का निर्माण करेंगे। पूर्व विधायक पवन पाण्डेय ने कहा कि जो चीजें जैसे जाती है वैसे ही आती है। बाबर ने किसी से पूछकर राम मंदिर नहीं तोड़ा था इसलिए राम मंदिर का निर्माण भी किसी से पूछ कर नहीं होगा।
महंत डा. ममता शास्त्री ने कहा कि विश्व की कोई शक्ति भव्य राम मंदिर निर्माण होने से नहीं रोक पाएगी। केन्द्र सरकार विधेयक लाए अन्यथा उसके दूरगामी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
राम से बड़ी कोई कोर्ट नहीं
संबोधन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश के सुप्रीम कोर्ट का हमारे लिए कोई महत्व नहीं है क्योंकि दुनिया में राम से बढ़कर कोई कोर्ट नहीं है और भगवान राम की कोर्ट यह कहती है कि यहां राम मंदिर बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के राम मंदिर दर्शन करने की मांग
इस दौरान धर्म संसद में उपस्थित सभी साधु संतों धर्माचार्यों तथा हिन्दुवादी संगठनों के प्रतिनिधियों ने जय श्रीराम के गगनभेदी नारे लगाए। इस दौरान प्रस्ताव पारित किया कि केन्द्र सरकार 2019 से पहले लोकसभा व राज्य सभा में संयुक्त अधिवेषन बुलाकर भव्य राम मंदिर विधेयक पारित करवाने की मांग की। साथ ही यह भी मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आकर राम मंदिर का दर्शन करें।