एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को राम मन्दिर निर्माण की याद आ गयी है और इसपर उनकी बयानबाजी शुरू हो गयी है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मन्दिर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, वही आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने भी राम जन्म भूमि पर कड़ा बयान देते हुए मोहन भागवत के सुर में सुर मिलाया है. आरएसएस प्रमुख ने कि हम अयोध्या में ही राम मंदिर बनाएंगे. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि मंदिर वहीं बनाया जाएगा, जहां वह पहले था. 

आरएसएस प्रमुख ने दिया राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान:

राष्ट्रीय स्वयंसेव संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रविवार को महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू में विराट हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर ‘फिर से नहीं बनाया गया’ तो ‘हमारी संस्कृति की जड़ें’ कट जाएंगी.

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘भारत में मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर नहीं तोड़ा. भारतीय नागरिक ऐसी चीजें नहीं कर सकते. भारतीयों का मनोबल तोड़ने के लिए विदेशी ताकतों ने मंदिरों को तोड़ा.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज हम आजाद हैं. हमें उसे फिर से बनाने का अधिकार है जिसे नष्ट किया गया था, क्योंकि वे सिर्फ मंदिर नहीं थे बल्कि हमारी पहचान के प्रतीक थे.’

राम मंदिर वहीं बने और मस्जिद अयोध्या के बाहर: इंद्रेश कुमार

वहीं आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और हिमालय परिवार के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने भी राम जन्म भूमि पर बात करते हुए कहा , “जिस तरह मक्का-मदीना और वेटिकन चर्च एक ही है, उसी तरह राम जन्मस्थान भी एक ही है। ऐसे में मंदिर वहीं बनना चाहिए और मस्जिद बनानी है तो वह अयोध्या, फैजाबाद से बाहर बने। मस्जिद भी बाबर के नाम पर न हो, बल्कि खुदा के नाम पर हो और सब मिलकर बनाएं।”

ram mandir ayodhya
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हिमालय परिवार की ओर से रविवार को जयपुर में ‘रामजन्म स्थली का सच’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “यह एक ज्ञात तथ्य है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है। राम मंदिर पर कोई विवाद नहीं है। कई जगह राम मंदिर हैं लेकिन सिर्फ अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है।”

इंद्रेश कुमार ने कहा, “इस्लाम के अनुसार किसी भी विवादित जगह पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती। अगर मस्जिद बनाई भी जानी है तो इसे अयोध्या और फैजाबाद से बाहर बनाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “विवादित स्थल पर सरकार और कोर्ट की ओर से कराए गए पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण के दौरान भी इस्लाम के कोई साक्ष्य नहीं मिले। लेकिन भगवान के जन्मस्थल होने के साक्ष्य सर्वेक्षण में स्पष्ट थे।”

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