Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

अमेठी में ‘नकली डॉक्टर’ कर रहे सरकारी अस्पताल में इलाज

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला के शुकुल बाज़ार के सीएचसी में इलाज कराने जाएं तो सतर्क हो जाएं। हो सकता है कि इलाज करने वाला व्यक्ति अस्पताल का कर्मचारी ही न हो और वह नकली डॉक्टर हो। जी हां यह सच है शुकुलबाज़ार सीएचसी में तीन चार बाहरी व्यक्ति धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। यह कथित कर्मचारी दवा स्टोर, लेबर रूम, टीकाकरण कक्ष और पर्चा काउंटर पर अक्सर देखने को मिलते हैं अस्पताल सूत्रों के मुताबिक ये बाहरी व्यक्ति वेतन या मानदेय लेने के बजाए यह मरीजों से ही वसूली कर रहे हैं।

इंजेक्शन लगाकर नकली डॉक्टरो द्वारा किया गया घायलों का इलाज

अमेठी के सरकारी अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। अस्पताल से डॉक्टर्स की नदारदगी और लापरवाही के चलते फार्मासिस्ट की देखरेख में नकली डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मामला शुकुलबाज़ार सामुदायिक अस्पताल से जुड़ा है। वैसे तो शुकुलबाज़ार सीएचसी में अस्पताल में कई डॉक्टर पदस्थ हैं। लेकिन मंगलवार 03 मार्च को जब क्षेत्र का ही एक व्यक्ति दुर्घटना में घायल एक बच्चे समेत महिला और एक युवक को लेकर अस्पताल पहुंचा तो आरोप है कि वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। जिसके बाद इन घायलों का इलाज एक फार्मासिस्ट की देख रेख में बाहरी व्यक्तियों अर्थात नकली डॉक्टरो द्वारा किया गया।

बाहरी लोगों को संरक्षण देते हैं अस्पताल के ही कर्मचारी

माना जाता है कि इन बाहरी व्यक्तियों को अस्पताल के एक फार्मासिस्ट का संरक्षण मिला है। जिसकी वजह से इन लोगों को मरीज भी अस्पताल के कर्मचारी के तौर पर पहचानने लगे है। इस संबंध में सीएमओ अमेठी आर.एम श्रीवास्तव ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। इस मामले पर तुरन्त जाँच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

सौ बात की एक बात

हम अपने भारत को विदेश की तर्ज पर विकसित करने की बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन सपने को साकार होने में अभी दो दशक से भी अधिक का समय लगेगा। क्योंकि जब तक हमारे पास में लोगों के इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और पढाई की मजबूत व्यवस्था नहीं होगी, तब तक हम चाह कर भी विकसित नहीं हो सकते हैं केंद्र सरकार औऱ प्रदेश सरकार अपने स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ो रुपये खर्च करती है, लेकिन वास्तविकता में वो रुपया सहीं काम में लग भी पा रहा है या नहीं, इस मामले को देखने के बाद तो अब बहुत सवाल खड़े हो गए हैं।

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री आवास के बाहर गैंगरेप पीड़िता किया आत्मदाह का प्रयास

ये भी पढ़ें- पुलिस वीक 2018: परेड में डीजीपी ने ली सलामी, 67 पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित

ये भी पढ़ें- यूपी पुलिस: एक साल में 1478 मुठभेड़, 48 अपराधी ढेर 3435 गिरफ्तार

ये भी पढ़ें- जांबाज सिपाही ने बहादुरी दिखाते हुए जान पर खेलकर बचाया पूरा गांव

ये भी पढ़ें- मुठभेड़: 3 इनामी डकैत गिरफ्तार 5 फरार, SHO सहित 3 पुलिसकर्मी घायल

ये भी पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी में लगी आग

Related posts

बच्‍चों में बुजुर्गों वाली हो रही ये बीमारी,हो जाएं सतर्क

Vasundhra
7 years ago

बरेली: पूर्व विधायक शराफतयार खान ने छोड़ी सपा, ज्वाइन किया सेक्युलर मोर्चा

Shashank
6 years ago

BJP शासित राज्यों में तड़प-तड़पकर मर रहीं गायें: मायावती!

Kamal Tiwari
7 years ago
Exit mobile version