केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा है कि मु्स्लिम नौजवानों को झूठे आरोप में गिरफ्तार करना चिंता की बात है। ऐसे मामलों में लीगल रिफॉर्म्स की जरूरत है क्योंकि आरोप साबित नहीं होने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है लेकिन उन युवकों के साथ इस तरीके का बर्ताव किया जाना सही नहीं है।

अलीगढ में विकास पर्व में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉ कमीशन, मुस्लिम नौजवानों को इस तरह अरेस्ट करने को लेकर क्रिमिनल प्रोसीजर में बदलाव की तैयारी कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके तहत बेल और प्रॉसिक्यूशन में होने वाली गड़बड़ियों को दूर किया जाएगा।

उक्त बातें केंद्रीय मंत्री ने तब कहीं जब उनसे पूछा गया कि मुस्लिम युवकों को संदेह के आधार पर पकड़ा जाता है और फिर छोड़ दिया जाता है जिससे इन युवकों की समाज में बदनामी होती है और लोग नफरत की नजर से देखते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में बोलते हुए ये बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुआई में एक पैनल रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट तैयार करने में कई लीगल एक्सपर्ट्स की मदद भी ली जाएगी और तमाम पहलुओं पर बातें होंगी।

आतंकी होने के आरोप में कई मुस्लिम यूथ्स को जेल भेज दिया जाता है और फिर उन्हें कुछ सालों बाद रिहा कर दिया जाता है जिसके बाद उनका समाज में रहना दुभर हो जाता है।

ये बातें तब और भी चिंताजनक लगती हैं जब हाल ही में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर हुए बम ब्लास्ट केस में अरेस्ट किया गया निसारुद्दीन अहमद जेल में 23 साल गुजारने के बाद रिहा हुआ।

कुछ ऐसे ही अन्य मुस्लिम युवाओं को लम्बे समय तक जेल में रहना पड़ा।

  • मोहम्मद आमिर खान पर लगे 19 में से 17 केस खत्म हो गए। लेकिन उसे 14 साल जेल में गुजारने पड़े।
  • आमिर पर आरोप था कि उसने 1996-97 के दस महीनों के बीच दिल्ली, रोहतक, पानीपत और गाजियाबाद में बम लगाए थे। इसपर आमिर का कहना था कि सरकार सरेंडर करने वाले आतंकियों को तो बसाने का काम कर रही है, लेकिन झूठे आरोपों में फंसाए गए लोगों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। 
  • पिछले दिनों 10 मुस्लिम युवकों को जैश के साथ संबंध होने की खबर के बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था जिनमें से 7 को छोड़ दिया गया। 

बीते महीनों में 6 मुस्लिमों को हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लाम (HUJI) संगठन से कॉन्टैक्ट में रहने पर अरेस्ट किया गया था। लेकिन सबूत नहीं होने पर छोड़ दिया गया। हालांकि ISIS की तरफ मुस्लिम युवाओं का बढ़ता हुआ झुकाव भी सरकार के लिए चिंता का विषय है लेकिन देश के मुस्लिम समुदाय ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है और अगर ऐसा कोई करता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस संबंध में कहा था कि संदेह मात्र पर पूछताछ के लिए लाये गए युवकों के साथ नरमी से पेश आए पुलिस।

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