- मेरठ के कैंट इलाके में करीब 150 साल पहले ब्रिटानिया हुकूमत ने दूध उत्पादकों को ज़मीन देकर बसाया था.
- अंग्रेज और उनके बाद कैंट बोर्ड इन दूध उत्पादकों से किराये के नाम पर एक निश्चित टैक्स वसूलती रही.
- लेकिन 2 महीने पहले अचानक कैंट बोर्ड ने 113 दूध डेयरीज को कैंट से हटाने का आदेश जारी कर दिया.
- हाइकोर्ट में दाखिल एक याचिका में दलील दी गयी कि कैंट बोर्ड इलाके में चल रही डेयरियां प्रदूषण फैला रही है और कैंट इलाके की स्मार्टनेस पर कालिख पोत रही है.
- इन दूध उत्पादकों के परिवार अब 31 दिसंबर के बाद इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे.