प्रदेश में अवैध बालू खनन और उसकी ओवरलोडिंग को लेकर पिछले दिनों जहां बवाल मचा हुआ था। वहीं गाजीपुर में बालू खनन को लेकर ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई है, जिसको लेकर ग्रामीणों ने एक पंचायत कर मानक विहीन हो रहे बालू खनन पर रोक लगाने और उससे हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाया है। यह पंचायत उत्तर प्रदेश बिहार की सीमा पर स्थित गाजीपुर के बारा गांव में हुआ।
ग्रामीणों ने बैठक कर की किसानों के नुकसान की चर्चा
जनपद गाजीपुर में गंगा किनारे से हो रहे बालू निकासी पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दादा के रौजा पर अमन कमेटी बारा के तत्वाधान में ग्रामीणों व किसानों की बैठक हुई। बैठक में बालू निकासी से गांव को हो रहे नुकसान पर चर्चा की गई। लोगों ने कहा कि बालू निकासी से के साथ ही गांव पर खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ आने पर सेमरा कटान की तरह यहां भी कटान शुरू हो जाएगा, तब गांव को बचा पाना मुश्किल कार्य होगा। जनपद गाजीपुर के बारा गांव में जिला प्रशासन के द्वारा बालू खनन के लिए दिए गए पट्टेधारक द्वारा मानक विहीन बालू खनन करने को लेकर ग्रामीणों ने एक पंचायत किया है।
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मानक से अधिक किया जा रहा खनन
अमन कमेटी बारा के सदस्य हाजी इश्तियाक खान सहित ग्रामीणों का कहना है कि गंगा के किनारे का गांव कुतुबपुर जहां जिला प्रशासन ने लखनऊ की एक फर्म द्वारा बालू का खनन किया जा रहा है। जिसकी पट्टा मात्र 3 मीटर खुदाई करने का है, लेकिन इस फर्म के द्वारा 20 फीट तक कि खनन किया जा रहा है। साथ ही बालू लोड करने वाहनों को गंगा किनारे जाने के लिए किसानों ने अपनी भूमि दी है। इस पर भी रोक लगाए जाने की बात कही। गंगा किनारे जाने का कोई रास्ता नहीं है। किसानों के खेतों से होकर ही वाहन बालू लोड करने जाते हैं। इससे आस – पास के किसानों के फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। यही नहीं बालू लोड कर जब वाहन पानी टँकी से जिला परिषद सड़क होते हुए पूर्वी फुटबॉल मैदान वाली सड़क से गुजरते हैं तो धूल का गुबार उड़ने से सड़क किनारे स्थित घरों के लोगों का जीना दूभर हो जाता है। घर में बने भोजन व खाने के आदि सामान भी नष्ट हो जा रहे हैं। यही नहीं कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में भी लोग आ रहे हैं।
आए दिन हादसे होने की रहती है आशंका
पूर्व प्रधान बारा मंजूर खान ने कहा कि दिनरात वाहनों की धमा चौकड़ी से हमेशा दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। पिछले दिनों दो बच्चे ट्रैक्टर की चपेट में आने से बच गए थे। इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था। इसको लेकर शासन-प्रशासन तनिक भी गंभीर नहीं है। लोगों ने कहा कि बालू निकासी पर रोक लगाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। वही इस मामले पर जिलाधिकारी गाजीपुर के बालाजी के संज्ञान में लाया गया तो उनका कहना है कि इसकी शिकायत पहले से ही कई बार मिल चुकी है और इसकी जांच इंडियन सेवराई को सौंपा गया है। जांच रिपोर्ट आते ही विधिक कार्यवाही की जाएगी।