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मथुरा: समस्या लेकर पहुंचे किसानों और तहसीलदार में हुई कहासुनी

farmers protest for Compensation got argument to tahsildar

farmers protest for Compensation got argument to tahsildar

पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से किशानो की फसल बर्बाद हो गयी. जिसके बाद आज आक्रोशित किसानों ने गोवर्धन तहसील पर पहुँच कर तहसीलदार का घेराव कर लिया. इसके बाद किसानों और तहसीलदार के बीच जमकर कहासुनी हो गयी. बाद में उपजिलाधिकारी गोवर्धन ने फोन पर किसानों को आस्वाशन दिया तब जाकर किसानों का गुस्सा शांत हुआ ।

किसानों ने किया तहसीलदार का घेराव:

बारिश जब जरूरत भर हो तो अमृत है और इससे अधिक पर तबाही. बारिश का कहर केवल सड़कों, घरों, काम करने वाले लोगों से कही ज्यादा अधिक पड़ता है किसानों और देश कि कृषि को. वहीं कुछ दिनों से हो रही मुस्लाधार बारिश का बुरा असर किसानों पर पड़ना भी शुरू हो गया.
जिसके बाद बारिश की मार से परेशान किसान प्रशासन की मदद की आस लिए तहसीलदार के पास पहुंचे. लेकिन वहां मामला और संगीन हो गया.
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बारिश के कारण खेती हुई नष्ट:

मामला मथूरा जिले के गोवर्धन तहसील का हैं. जहाँ बरसात से नष्ट हुई फसल के मुआवजे को लेकर ग्रामीण तहसील पहुँचे और उचित मुआवजे की मांग की. लेकिन किसानों और तहसीलदार के बीच नोंक झोंक शुरू हो गयी.
किसानों का आरोप है कि जब तहसीलदार से विधायक की बात कराई तो उन्होंने पलसों की जनता को बेवकूफ कह डाला जिस से किसान आक्रोषित हो गए और तहसीलदार का घेराव कर डाला.

उपजिलाधिकारी ने मामले को संभाला:

वहीं किसानों द्वारा तहसील घेराव की जानकारी उपजिलाधिकारी को हुई तो उन्होंने किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया और तहसीलदार को गांव पलसों भेज कर किसानों के हुए नुकसान का आकलन करने भेजा।
किसानों ने बताया कि बरसात के पानी से सारी फसल जलमग्न हो चुकी है. पशुओं का चारा तक नहीं बचा और गांव के हर रास्ते पर पानी भर चुका है. जिस से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इतनी समस्या के बाद भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।

उचित मुआवजे का दिया आश्वासन:

वहीं जब इस बारे में गोवर्धन तहसीलदार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि गांव पलसों के किसानों की करीब एक हजार एकड़ से ज्यादा फसल नष्ट हो चुकी है. वही मंदिर की दीवार गिरने के साथ साथ गांव के श्मशान में भी पानी भर चुका है, जिससे ग्रामीणों को बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस एवज में जल्द से जल्द बरसात के पानी को भरतपुर फीडर के माध्यम से निकाला जाएगा, जिस से खेतों में भरा पानी निकल सके और जो भी किसानों का नुकसान होगा उनको उचित मुआवजा दिलाया जाएगा ।

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