उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों के कर्जमाफ़ी को लेकर जो वादा अपने घोषणा पत्र में किया था, उसे पूरा कर दिया है। हालाँकि, इस कर्ज माफ़ी के बाद कई विशेषज्ञ इसे अच्छा फैसला, तो कुछ इसे ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं, तो कुछ के लिए ये फैसला किसानों के साथ धोखा है।
क्या कहता है सूबे का किसान:
- उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राज्य सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में ऐतिहासिक फैसला लिया था।
- जिसके तहत करीब 86 लाख सीमान्त और लघु किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ़ हुआ था।
- गौरतलब है कि, यह ऋण फसली, बीज, कीटनाशक आदि के तहत माफ़ किया गया है।
- साथ ही 86 लाख किसानों का एक लाख तक का कर्ज राज्य सरकार माफ़ कर चुकी है।
- वहीँ करीब 7 लाख किसान इस संख्या में ऐसे हैं जिन्हें बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिया जाता है।
- सरकार ने इन्हें सीधा लाभ पहुँचाया है, जिसके बाद अब उन किसानों को भी बैंक से ऋण मिल सकेगा।
लघु और सीमान्त किसान का फैसला पर नजरिया:
- योगी सरकार ने अपने वादे के अनुसार, किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ़ कर चुकी है।
- जिस पर सूबे के किसानों खासकर की लाभ पाने वाले वर्ग में फैसले को लेकर ख़ुशी का माहौल है।
- किसानों के हिसाब से सरकार का यह बहुत ही अच्छा फैसला है।
- कई किसानों का मानना है कि, यह सरकार किसानों के लिए कुछ करेगी।
- वहीँ मुख्यमंत्री योगी की हिंदुत्ववादी छवि के चलते कुछ मुस्लिम किसानों से कर्ज माफ़ी पर प्रतिक्रिया मांगी गयी।
- उन सभी ने जवाब दिया है कि, वे योगी सरकार के फैसले से बहुत खुश हैं, सरकार ने गरीबों के बारे में सोचा है।
- वहीँ कुछ लोगों का मानना है कि, फैसला अच्छा है बस अगर बिजली बिल का कर्ज भी सरकार जोड़ लेती,
- तो किसानों का अधिक फायदा हो सकता था।
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Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार