उत्तर प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि हॉस्पिटल प्रशासन मरीजों को लेकर कितना गंभीर रहता है. गोरखपुर का बाबा राघवदास मेडिकल कालेज इन दिनों बच्चों की मौत के कारण बेहद चर्चा में है, जबकि कुछ ऐसा ही हाल फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल (farrukhabad ram manohar lohiya) का है जहां पर बीते एक महीने से लगातार बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. हैरानी की बात ये है कि इन बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है, इसकी पुष्टि डीएम की रिपोर्ट में हुई है.
डीएम की रिपोर्ट में खुलासा, ऑक्सीजन की कमी से हुई 30 बच्चों की मौत:
- ये बड़ी लापरवाही फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल में सामने आयी है.
- लोहिया अस्पताल के एसएनसीयू में 49 बच्चों की मौत के पीछे ऑक्सीज़न की कमी को बड़ी वजह बताया गया है.
- यहां पर बीती 21 जुलाई से 20 अगस्त तक हर 14 घंटे पर एक बच्चे की मौत होती रही.
- बावजूद इसके CMO और CMS ने इसको गंभीरता से नहीं लिया.
- दोनों अधिकारी मामले को दबाने में जुटे रहे.
- डीएम ने जब एक महीने में मरने वाले बच्चों की जानकारी मांगी तब इसमें में भी लीपापोती की गई.
- जाँच में ऑक्सीजन की कमी और दवाओं के अभाव में इनकी मौत होने की बात कही जा रही है.
CMO ने की थी लीपापोती:
- लोहिया महिला अस्पताल आईं 19 प्रसूताओं की गोद भरने से पूर्व ही सूनी हो गई.
- आंकड़ों की यह बानगी तो केवल 21 जुलाई से 20 अगस्त के बीच के ही हैं.
- वहां अव्यवस्था का आलम ये है कि CMO तक को मौतों का कारण नहीं मालूम है.
- CMO से लेकर डॉक्टर तक एक ही भाषा बोलते दिखाई दे रहे थे.
- मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है, कहकर बार-बार टालते रहे.
डॉक्टर के खिलाफ दर्ज हुई FIR:
- पूरे मामले में शहर कोतवाली में CMO और CMS समेत कई डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
- फर्रुखाबाद एसपी दयानंद मिश्र के अनुसार, FIR दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
- बच्चों की मौत के पीछे इनकी लापरवाही की बात डीएम की रिपोर्ट में है.
- पूरे मामले में सिटी मजिस्ट्रेट ने जाँच की थी जिसमें इनकी बड़ी लापरवाही सामने आयी.
- गौरतलब है कि गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था.
- लेकिन उस वक्त सरकार ने ऑक्सीज़न की कमी के कारण मौत की बात को ख़ारिज कर दिया था.
- वहीँ बाद में BRD प्रिंसिपल समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
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