फर्रुखाबाद। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फर्रुखाबाद जिले के नए जिलाध्यक्ष के रूप में फतेहचंद वर्मा [ Fatehchand Verma ] को नियुक्त किया है। वर्मा सांसद मुकेश राजपूत के करीबी माने जाते हैं और उनके नाम की घोषणा होते ही कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई।
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फतेहचंद वर्मा की राजनीतिक यात्रा [ Fatehchand Verma ]
फतेहचंद वर्मा की राजनीतिक यात्रा 1992 में राम मंदिर आंदोलन से शुरू हुई। वे पेशे से शिक्षक हैं और वर्तमान में आदर्श जनता इंटर कॉलेज, रानू खेड़ा में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। एमए और बीएड की शैक्षिक योग्यता रखने वाले वर्मा 1995 से 2000 तक अपने गांव नगरिया देवधरापुर के प्रधान रहे।
उनका राजनीतिक अनुभव काफी समृद्ध है। वर्ष 2000 में जन क्रांति पार्टी से जुड़ने के बाद वे जिला पंचायत सदस्य चुने गए। उनके परिवार में राजनीतिक सक्रियता का सिलसिला जारी है। वर्मा के छोटे भाई शील चंद्र राजपूत की पत्नी शकुंतला देवी भी भाजपा से जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं और वर्तमान में कमालगंज की ब्लॉक प्रमुख हैं।
सांसद मुकेश राजपूत के साथ नजदीकी संबंध [ Fatehchand Verma ]
जिलाध्यक्ष बनने से पहले फतेहचंद वर्मा भाजपा जिला कार्यकारिणी में महामंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे। सूत्रों के अनुसार, सांसद मुकेश राजपूत के साथ उनके नजदीकी संबंधों ने उन्हें यह पद दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके निवर्तमान अध्यक्ष रूपेश गुप्ता ने भी इस पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें तीसरा कार्यकाल नहीं मिल सका।
कार्यकर्ताओं का गर्मजोशी से स्वागत
नए जिलाध्यक्ष की घोषणा के बाद भाजपा के जिला कार्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं को धैर्य बनाए रखने की नसीहत दी गई। बैठक में मौजूद दावेदार अपनी-अपनी गुणा-गणित लगाते रहे।
भाजपा जिला चुनाव अधिकारी सुमन चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, डॉ. भूदेव सिंह राजपूत, पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह, विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, विमल कटियार आदि की मौजूदगी में जिला संगठन प्रभारी शिव महेश दुबे ने फतेहचंद वर्मा को नए जिलाध्यक्ष के रूप में घोषित किया। संचालन चीनी मिल उपाध्यक्ष जय गंगवार ने किया।
फतेहचंद वर्मा [ Fatehchand Verma ] के नए जिलाध्यक्ष बनने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उनके नेतृत्व में पार्टी फर्रुखाबाद में और मजबूत होगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। वर्मा के राजनीतिक अनुभव और सांसद मुकेश राजपूत के साथ उनके मजबूत संबंधों को इस पद के लिए उनके चयन का प्रमुख कारण माना जा रहा है।