जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में शनिवार देर रात पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में यूपी के दो लाल शहीद हो गए। जवान के शहीद होने की खबर बीएसएफ के कंट्रोल रूम की तरफ से परिजनों को रविवार की सुबह दी गई। जवान के शहीद होने की सूचना गांव पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। रविवार सुबह से ही गांव वाले पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचे। घटना के बाद केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एवं कारागार मंत्री जयकुमार जैकी ने भी शहीद के परिजनों से सम्पर्क किया है। रविवार की दोपहर तक दोनों मंत्री शहीद के घर पहुंचेंगे।
सोमवार को गांव पहुंचेगा शहीद का शव
जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलाबारी में फतेहपुर के सठिगंवा गांव निवासी बीएसएफ का जवान विजय कुमार पाण्डेय पुत्र राजू पांडेय शहीद हो गए। वहीं देवरिया सदर कोतवाली क्षेत्र के बांसपार बैदा गांव के रहने वाले सत्य नारायण यादव शहीद हो गए। जवान के शहीद होने की सूचना के बाद गांव में कोहराम मच गया। रविवार सुबह से ही गांव वाले पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचे। अधिकारियों ने भी पीड़ित परिजनों से सम्पर्क किया। रविवार सुबह अधिकारी भी उनके घर पहुंचे। शहीद का शव सोमवार को गांव लाया जाएगा।
33वीं बटालियन बीएसएफ में थी तैनाती
शहीद विजय कुमार पाण्डेय की वर्तमान में पोस्टिंग 33वीं बटेलियन बीएसएफ में थी। वह जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थे। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलाबारी चल रही थी। इस दौरान घटना में विजय और उनके एक साथी सत्य नारायण यादव शहीद हो गए। बीएसएफ की तरफ से देर रात विजय के परिजनों को सूचना दी गई। विजय के घर से रोने और चिल्लाने की आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण इकट्ठा हो गए। रविवार सुबह से ही पूरा गांव पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने में लगा है।
2012 में हुई थी विजय की तैनाती
विजय का एक भाई अजय पाण्डेय नगर निगम कानपुर में नौकरी करते हैं। विजय की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से हुई थी। उसके बाद उन्होंने आदर्श इंटर कॉलेज सालेपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी कर कानपुर चले गए। कानपुर में डिग्री कॉलेज में इन्होंने पढ़ाई शुरू की थी उसी दौरान बीएसएफ में तैनाती हो गई। 4 जुलाई 2012 को विजय बीएसएफ में भर्ती हुए थे।
20 जून को होनी थी शादी
शहीद जवान विजय पाण्डेय की 15 जून को उनका तिलक था और 20 जून को शादी नियत की गयी थी। । इसके लिए शहीद ने छुट्टी के लिए आवेदन भी कर रखा था जो मंजूर हो चुका था। विजय 5 जून से छुट्टी पर घर आने वाला था। घटना के बाद बीएसएफ की तरफ से फोन किया गया बेटे के शहीद होने की पहली सूचना मां को मिली। जिसके बाद अन्य परिजनों को घटना की जानकारी हो सकी।
मंत्री पहुंचेंगे शहीद के घर
घटना के बाद केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और प्रदेश के कारागार मंत्री जयकुमार जैकी ने भी शहीद के परिजनों से सम्पर्क किया है। रविवार की दोपहर तक दोनों मंत्री शहीद के घर पहुंचेंगे।
एएसआई के पद पर तैनात थे सत्य नारायण
देवरिया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के बांसपार बैदा गांव के रहने वाले सत्य नारायण यादव बीएसएफ में एएसआई के पद पर तैनात थे। वर्तमान में जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में उनकी तैनाती थी। शनिवार की देर रात पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान रात करीब सवा एक बजे गोली लगने से सत्यनारायण शहीद हो गए।
कंट्रोल रूम से मिली सूचना
बीएसएफ के कंट्रोल रूम से सत्यनारायण के शहीद होने की सूचना उनकी पत्नी सुशीला देवी को दी गई। रविवार की सुबह करीब पांच बजे सुशीला देवी के मोबाइल पर फोन आया था। पति के निधन की खबर सुनते ही सुशीला देवी बदहवाश हो गई। बता दें कि सत्यनारायण के तीन बेटे शंभू, जितेंद्र और राजेश हैं।
सत्यनारायण के पिता अयोध्या यादव किसान है और खेती करते हैं। इनकी मां फूलबसिया देवी का निधन पहले ही हो चुका है। सत्यनारायण का परिवार घर पर ही पिता के साथ रहता है। इनका बड़ा बेटा शंभू दिव्यांग है।