फतेहपुर। योगी सरकार प्रदेश में बच्चों के पालन-पोषण और स्वास्थ्य के लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम चला रही है। उनके विकास के लिए रोज नई नई योजनाएं चलाई जा रही है। पर वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में इलाज व सरकारी सुविधाओं के लिए गर्भवती महिलाओं से पैसे की मांग की जाती है और उनसे इलाज के लिए दूसरे प्राइवेट अस्पतालों में जाने के लिए सलाह दी जाती है।
इंजेक्शन से लेकर दवा तक के लिए मांगे जाते हैं पैसे
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सरकारी अस्पताल में उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है और इंजेक्शन से लेकर दवा तक के लिए पैसे मांगे जाते हैं। रात में जब नर्स को बुलाने परिजन जाते हैं, तो नर्से उनको भगा देती है और रात भर सोती रहती हैं। दूर-दूर से आई महिलाओं को ये कह कर टरका दिया जाता है कि क्या हम इंसान नहीं है सोने नहीं दोगी और अपने को इंसान कहने वाले इन कर्मचारियों को औरों के लिए इंसानियत नहीं समझ आती।
डिलेवरी के नाम पर मांगा जाता है पैसा
ताजा मामला फतेहपुर जिले के सदर अस्पताल के महिला वार्ड का है जहां की नर्सों व अन्य कर्मचारियों पर मरीजों के तिमारदारों द्वारा इलाज व डिलेवरी के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाया जा रहा है। और परिजनों का आरोप है कि नर्सों के लापरवाही के कारण ही जच्चा की मौत हो गई। जिले की महिला चिकित्साधिकारी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि मामला संज्ञान में आया है जांच करा कर उचित कार्यवाही की जाएगी।