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फतवा: शादियों में साथ शिरकत न करें औरत-मर्द, न साथ में खाएं खाना

अजीबोगरीब फतवा जारी करने वाले दारुल उलूम देवबंद विवादों में रहते हैं. कभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने तो कभी फिल्म न देखने के लिये फतवा जारी कर चुके दारुल उलूम देवबंद के नए फतवे का मुस्लिम महिलाओं ने जबरदस्त विरोध किया है. मुस्लिम महिलाओं के चमकदार बुर्के और चुस्त कपड़ों को लेकर ही दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया था, लेकिन अबकी बार ये फतवा बरेली से जारी किया गया है. बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़ी संस्था के मुस्लिम उलेमा ने औरतों और मर्दों को लेकर एक फतवा जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे शादियों में साथ साथ खाना न खाएं और न ही साथ में उठें-बैठें.

एक साथ बैठना-उठना इस्लाम में जायज नहीं

बरेली के मुस्लिम संगठन से जुड़े एक सदस्य का कहना है कि शादियों में बहुत खुराफातें हैं, शादी में लोग खड़े होकर खाना खाते हैं. औरतों और मर्दों का एक साथ मिलना, साथ बैठकर खाना खाना, ये तमाम चीजें हैं जो शरीयत के खिलाफ हैं. संगठन के सदस्य का कहना है कि मर्दों का औरतों के साथ और औरतों का मर्दों के साथ मिलना जुलना ये दोनों चीजें इस्लाम में जायज नहीं हैं, उनका कहना है कि लोग इससे बचें और अपने साथ में जहां भी शादी ब्याह का इंतजाम करते हैं, वहां औरतों और मर्दों के खाने का इंतजाम अलग-अलग करें ताकि इस प्रकार की चीजों से दूरी बनी रहे.

देवबंद: औरतों के लिए गैरमर्दों से चूड़ी पहनना नाजायज

सहारनपुर के देवबंद दारुल उलूम से फतवा जारी किया गया है. इसमें औरतों के लिए गैरमर्दों से चूड़ी पहनना नाजायज बताया गया है. गैरमर्दों के हाथ से चूड़ी पहनना नाजायज करार दिया गया है. चूड़ी पहनने के लिए बाहर निकलने की मनाही भी है. फतवे में कहा गया है कि गैरमर्द से चूड़ी पहनने के लिए घर से बाहर नहीं निकलना है.

लम्बी है फतवों की लिस्ट

एक व्यक्ति ने दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग से पूछा था कि उसके विवाह के लिए ऐसी लड़कियों के रिश्ते आ रहे हैं जिनके पिता बैंक में नौकरी करते हैं. देश का बैंकिंग तंत्र ब्याज पर आधारित है और ब्याज इस्लाम में हराम है. इसलिए ऐसे परिवारों में शादी करना कैसा है? 3 जनवरी को दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जवाब में कहा कि ऐसे परिवार में शादी नहीं करनी चाहिए, जहां सूद की कमाई हो. मुफ्ती इकराम ने सवालकर्ता को सलाह देते हुए कहा कि कि वह ऐसे घर की तलाश करें जहां पर सूद की कमाई न आती हो.

चुस्त बुर्का पहनकर न निकलें:

एक और फतवे के जरिये कहा गया था कि औरतें जब बाहर निकलती हैं तो शैतान उन्हें घूरता है, इसलिए बिना जरूरत के औरत को घर से नहीं निकलना चाहिए और यदि जरूरत पड़ने पर महिलाएं घर से निकलें तो ढीला-ढाला लिबास पहनकर निकलें. तंग और चुस्त कपड़े या चुस्त बुर्का पहनकर न निकलें.

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