उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम दावे कर रही हो, लेकिन आए दिन महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं ताजा मामला प्रतापगढ़ जिला में एक महिला टीचर के साथ वहशियों ने निर्भयाकांड जैसी खौफनाक वारदात को अंजाम दिया है। दुष्कर्म का विरोध करने पर महिला के हाथ-पैर तोड़ डाले गए और पूरा शरीर चाकुओं से गोद डाला गया। गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल ले जाई गई महिला ने दम तोड़ दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। दम तोड़ने से पहले महिला ने जो पुलिस को बयान दिया है उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
गैंगरेप का विरोध करने पर मारडाला
प्रतापगढ़ के नगर कोतवाली क्षेत्र के टेंउंगा गांव निवासी 42 वर्षीय सबीना बनो (नाम काल्पनिक) पास के ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में टीचर थी। वह पढ़ी-लिखी और अपने पैर पर खड़ी सशक्त महिला थी। उसके परिजन दिल्ली में रहते थे रहते हैं और वह यहां अकेली ही रह रही थी। बताया जा रहा है महिला टीचर तलाकशुदा थी। रात में आधा दर्जन लोग उसके घर में घुसे थे और दुष्कर्म की कोशिश की थी। सबीना ने अपनी ताकत भर इसका विरोध किया और वहसियों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया।
सबीना के विरोध पर वहसियों ने लाठी- डंडे पर लोहे के रॉड से सबीना के पैर हाथ को कई जगह से तोड़ दिया। पड़ोसी देखकर रह गए दंग चीख पुकार सुनकर जब पड़ोसी सबीना की घर की ओर दौड़े तो वहसी सबीना को मरा समझकर भाग गए। इसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस उसे जिला अस्पताल ले गई। यहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत को गंभीर देखते हुए उसे इलाहबाद रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मुकदमा दर्ज कर कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया है जिनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है। एसपी प्रतापगढ़ ने बताया कि इस घटना में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, बाकी के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा।
आये दिन महिलाओं से छेड़छाड़ करते थे आरोपी
पुलिस के अनुसार ग्रामीणों ने गांव के दबंग गुड्डू पासी व मदन पासी को इसका जिम्मेदार ठहराया है, जिन्होंने अपने 4 साथियों के साथ सबीना को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा और नाकाम होने पर उसे मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों ने बताया कि गुड्डू और मगन आए दिन गांव में छिछोरी हरकत करते थे। किसी की भी बहन बेटी का हाथ पकड़ लेना उनका रोज का काम था। कुछ दिन पहले ही ग्रामीणों ने इन दोनों की जमकर पिटाई की थी हालत गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन पुलिस ने इन पर कार्रवाई नहीं की और नतीजतन एक बार फिर से इनका मनोबल बढ़ा और सबीना को इन्होंने मौत के घाट उतार दिया। कास कि इन पर पुलिस ने उस वक्त कार्रवाई की होती तो आज सबीना जिंदा होती।
खून से लथपथ था शव, टूटे हाथ पर झूल रहे थे
घर के अंदर जब पड़ोसी पहुंचे तो सबीना का हाल देखकर हर कोई सिहर उठा। सबीना का शरीर पूरी तरह से खून से लथपथ था। हाथ पैर-टूट कर कई जगह से झूल चुके थे। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे इलाहाबाद रेफर किया गया। इलाहाबाद के एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान सबीना ने दम तोड़ दिया।
शरीर पर जगह जगह फट गया था मांस
वहशियों ने पार कर दी हद राबिया के साथ जो कुछ भी हुआ वह दिल्ली में निर्भया कांड जैसा था। सबीना के ऊपर वहसियों ने वहशीपन की सारी हदें पार कर दी थी। सबीना के शरीर पर जगह जगह मांस फट गया था पैर कई जगह से टूट कर झूल चुका था। हर तरफ से खून का स्राव हो रहा था। सबीना वहसियों का शिकार होकर हमेशा के लिए यह दुनिया छोड़कर चली गई और अपने पीछे छोड़ गई सैकडों सवाल। निर्भया के लिये जली मोमबत्ती का जो प्रकाश था शायद अब बिल्कुल खत्म हो चुका है।
कहीं भी सुरक्षित नहीं महिलाएं
समाज में वैसे ही दरिंदे घूम रहे हैं और यह अब साफ हो गया कि महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। ग्रामीणों ने बताया दरिंदों का नाम दिल्ली में सबीना के परिजनों को सूचना मिल गई है और वह घर वापस लौट रहे हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।