लखनऊ विकास प्राधिकरण में दो ठेकेदारों के बीच मारपीट हो गई। इस वजह से एक ठेकेदार के चेहरे पर चोटें आ गईं। मामला टेंडर से जुड़ा बताया जा रहा है। इस संबंध में दोनों ओर से गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई है। गोमती नगर एसओ विश्वजीत सिंह के मुताबिक, दोनों ने चोटिल होने व टेंडर से रोके जाने की तहरीर दी है।

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मौके पर पहुंची पुलिस

  • मिली जानकारी के मुताबिक, एलडीए कार्यालय के चौथे तल पर टेंडर डाले जाने को लेकर ठेकेदारों के दो गुट में मारपीट हो गई।
  • इसमें से एक पक्ष ब्रजेश सिंह व दूसरा शिवेन्द्र मिश्रा हैं।
  • मारपीट के चलते शिवेन्द्र के चेहरे पर चोट आई जिससे वह लहूलुहान हो गया।
  • इसके बाद परिसर में अराजकता का माहौल हो गया।
  • तमाम छोटे-बड़े अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे।
  • एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह को इसकी सूचना लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया।
  • पुलिस के आने पर दोनों को थाने ले जाया गया।
  • गोमती नगर के थानाध्यक्ष विश्वजीत सिंह के मुताबिक, फिलहाल लविप्रा की ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है।

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  • लेकिन ब्रजेश सिंह व शिवेन्द्र मिश्रा ने तहरीर देकर एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है।
  • दोनों ही अपने को चोटिल होने की बात कह रहे हैं।
  • एलडीए सूत्रों की मानें तो एक टेंडर को प्राप्त करने के लिए ब्रजेश सिंह की ओर से अनुमानित लागत से लगभग 25 प्रतिशत कम पर टेंडर डाला गया था।
  • यही विवाद की वजह रहा। इसी बात को लेकर दोनों में बहस भी हुई।
  • वहीं, ब्रजेश सिंह ठेकेदार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है। लिहाजा, उसकी दबंगई कुछ अधिक है।
  • यह भी कहा जा रहा है कि इससे पहले शिवेन्द्र ने भी ऐसा किया था।

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टेंडर में अब भी हो रहा खेल

  • एलडीए के जानकार बताते हैं कि ई टेंडरिंग होने से काफी हद तक टेंडरबाजी में धांधली कम हुई है। लेकिन इसे बिल्कुल समाप्त नहीं किया जा सका है।
  • अधिकारियों की शह पर ठेकेदार बेहद कम रेट पर टेंडर डाल देते हैं।
  • इस वजह से उस समय तो उन्हें काम मिल जाता है ।
  • लेकिन बाद में कई तरह के बहाने बनाकर या तो टेंडर कैंसिल करवाकर उसे पा लेना चाहते हैं या फिर अन्य तरह का खेल करते हैं।
  • काम दूसरे के हाथ न लगे, ठेकेदारों की यह प्राथमिकता रहती है। यही विवाद का विषय बनते हैं।
  • यह भी सूचना है कि इस समय एलडीए में आपसी सहमति से टेंडर पड़ रहे हैं जिसे ठेकेदारी भाषा में टेंडर मैनेज होना कहते हैं।
  • इसके चलते एक टेंडर को प्राप्त करने के लिए पहले से ही ठेकेदारों के बीच बात तय हो जाती है।
  • उसमें दूसरे व्यक्ति द्वारा प्रतिस्पर्धा नहीं की जाती। पर इन मामलों में ऐसा हुआ जिससे विवाद हुआ।

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क्या बोले वीसी

  • इस संबंध में एलडीए वीसी प्रभु एन. सिंह का कहना है कि इस मामले में एलडीए की ओर से एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।
  • जिसका आधार सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाना होगा।
  • इसके अतिरिक्त, जल्द ही नियमानुसार कुछ ठेकेदारों को काली सूची में भी डाला जाएगा।
  • आगे से टेंडर आरटीजीएस के ही स्वीकार होंगे।
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