उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला में भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक पर एक ग्राहक ने करीब 1,00,000 रुपए निकालने का आरोप लगाया है। आरोप है कि खाते से पैसा निकलने के बाद पीड़ित की मां की सदमें में मौत हो गई। इसकी शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की। लेकिन लापरवाह पुलिस ने उसकी एक न सुनी। इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। कोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तो कर लिया लेकिन शाखा प्रबंधक पर कार्रवाई करने से कतरा रही है।
आधारकार्ड नंबर पूछकर पैसे निकालने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, पचदेवरा थाना क्षेत्र के मुर्तजानगर निवासी ऋषिपाल पुत्र रामभरोसे का उसकी मां के साथ संयुक्त खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाहाबाद शाखा में है। पीड़ित के मुताबिक, उसका बैंक ने ATM कार्ड तो जारी कर दिया। लेकिन बैंक वालों ने उसका पासवर्ड नहीं दिया था। पिछली 4 अप्रैल 2017 को शाखा प्रबंधक अनुराग खन्ना ने पीड़ित को फोन करके आधार कार्ड का नंबर मांगा था। इसके 2 दिन बाद खाते से 95000 निकल गए।
कोर्ट के आदेश पर पैसे निकालने का आरोप
पीड़ित को जब इसकी जानकारी हुई तो वह दो दिन बाद अपनी मां को लेखा शाखा में पहुंचा। आरोप है कि यहां बैंककर्मियों ने पीड़ित परिवार को बेइज्जत करके और गालियां देकर बैंक से भगा दिया। 10 अप्रैल को उसकी मां की सदमे में मौत हो गई। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। कोर्ट के आदेश पर शाहाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर किया गया है।
लापरवाह थानेदार को मुकदमें की जानकारी नहीं
इस संबंध में शाहाबाद थाना प्रभारी नरेश चन्द्र उत्तम से मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से इंकार कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं वह कहीं बाहर बैठे हैं। कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले लोगों का आरोप है कि इलाके में अपराध चरम सीमा पर है। क्षेत्र में चोरी, लूट और बलात्कार की काफी घटनाएं हो रहीं हैं। लेकिन पुलिस गस्त नहीं करती।
आरोप है कि थानेदार गुंडों को संरक्षण देकर क्षेत्र में अवैध काम करवा रहे हैं। क्षेत्र में जुआ, वाहनों, दुकानदारों से अवैध वसूली करना पुलिस का रोजाना का काम है। थानेदार भाजपा नेताओं के इशारे पर काम करते हैं। पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं होती लेकिन थानेदार नेताओं की चरणवंदना में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस मामले में आगे की क्या कार्रवाई करती है, या मुकदमा दर्ज कर केवल खाना पूर्ति करके बैठ जाती है।