एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे मंत्रियों के तीनों निजी सचिवों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। तीनों निजी सचिवों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई है। बता दें कि सचिवालय प्रशासन विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गुरुवार शाम को सस्पेंड कर दिया। कानूनी कार्रवाई के लिए हजरतगंज कोतवाली में तीनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। पूरे मामले की सघन जांच के लिए एडीजी जोन राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एक एसआईअी भी गठित की गई है। एसआईटी में आईजी एसटीएफ और सतर्कता अधिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा आईटी विभाग के विशेष सचिव राकेश वर्मा भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने एसआईटी को 10 दिन में जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। बुधवार रात को यह मामले सामने आने के बाद मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। गुरुवार सुबह ही इस मामले की रिपोर्ट मुख्य सचिव डॉ़ अनूप चंद्र पांडेय के पास पहुंची और फिर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार की तरफ से पहले ही निर्देश हैं कि शासन के काम में पूरी तरह से शुचिता बरती जाए। भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत प्रभावी कार्रवाई की जाए।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यह है स्टिंग ऑपरेशन का पूरा मामला[/penci_blockquote]
एक न्यूज चैनल ने प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों का स्टिंग ऑपरेशन कर उन्हें काम के बदले पैसे की डीलिंग करते दिखाया था। इनमें पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, खनन मंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी शामिल हैं। निजी सचिव के करोडों की डील करने के स्टिंग ऑपरेशन से खलबली मची है। स्टिंग में घूस का मामला सामने आने के बाद तीनों मंत्रियों के निजी सचिव को निलंबित कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गई है। ‘ऑपरेशन सीएम की नाक के नीचे’ के तहत उत्तर प्रदेश विधानसभा की इमारत में स्टिंग ऑपरेशन करके रिश्वतखोरी का खुलासा किया। स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के मंत्री सरकार ने लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तीनों निजी सचिवों को तत्काल सस्पेंड करने और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। सरकार ने जो एसआईटी बनाई है उसमें आईजी एसटीएफ और विशेष सचिव IT राकेश वर्मा को शामिल किया गया है। एसआईटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्णा के नेतृत्व में टीम इसकी जांच करेगी।
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