राजधानी लखनऊ में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ लोगों का आक्रोश रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हजरतगंज थाने में बहुजन मुस्लिम महासभा के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर पहले थाने के बाहर वसीम रिजवी के खिलाफ नारेबजी की और उसके बाद थाने में उनके खिलाफ एक तहरीर दी। प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाने की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की तहरीर पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कहकर मामला शांत करवाया। कोतवाली प्रभारी आनद कुमार शाही ने बताया कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बताया आतंकवादी संगठन

आपको बता दें कि वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हैं जो अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहा करते हैं। आज उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा गया। जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को उन्होंने आतंकवादी संगठन बताते हुए कहा कि उन पर तुरंत कार्रवाई हो। वसीम रिजवी का कहना है कि भारत के मुसलमानों का फैसला पाकिस्तान और सऊदी अरब कर रहा है। इसी से आहत होकर बहुजन मुस्लिम महासभा के तमाम कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में पहुंचकर वसीम रिजवी के खिलाफ तहरीर दी। मीडिया से बात करते बहुजन मुस्लिम महासभा के प्रवक्ता शेख ताहिर सिद्दीकी ने कहा कि अगर उन पर कार्रवाई नहीं होती है तो पूरे देश से शिया और सुन्नी समुदाय के लोग उनके साथ जुड़ेंगे और एक बड़ा आंदोलन करेंगे।

इससे पहले भी कई बार दे चुके विवादित बायान

कभी बाबरी मस्जिद तो कभी मदरसों पर विवादित बयान देने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी वैसे भी खबरों में बने रहने के लिए इस तरह के बयान और हरकतें करते रहते हैं। उन्होंने इससे पहले कहा था किराम मंदिर निर्माण समिति और शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से संयुक्त समझौते की कॉपी सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जहां तक मुस्लिम पक्षकारों का सवाल है तो वह केवल वक्फ बोर्ड ही है। उन्होंने कहा था कि सेक्युलर मुस्लिम राम मंदिर के पक्ष में हैं। अब कट्टरपंथियों की ताकत कमजोर हो रही है। इस दौरान रिजवी ने कहाथा कि भारत में जिहाद का सपना देखने वालों को जिन्ना के साथ ही पाकिस्तान चले जाना चाहिए था।

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