लखनऊ। यूपी के चंदौसी जिले में 2004 से 2006 के बीच सरकारी अस्पतालों में दवा सप्लाई के मामले में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। जिसकी जांच 2006 से अब तक लगातार चल रही थी। सूबे में योगी सरकार आने के बाद जांच में तेजी आई और मामला सही पाए जाने पर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 2004 से 2006 के बीच चंदौली में तैनात 2 CMO और 3 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सदर कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। (Drug Supply Scam)
क्या है पूरा मामला? (Drug Supply Scam)
- दरअसल 2004 और 2006 के बीच यूपी में सपा सरकार थी।
- उस दौरान दवा सप्लाई कंपनी UPDPL के पास पूरे यूपी में सरकारी अस्पतालों में दवा सप्लाई करने का ठेका था।
- चंदौली जिले में भी दवा सप्लाई का काम भी यही कंपनी कर रही थी।
- उस दौरान तत्कालीन दो सीएमओ डॉक्टर उमेश कंचन और डॉक्टर उदय प्रताप सिंह और चंदौली स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से दवा सप्लाई के भुगतान में करोड़ों का घोटाला सामने आया था।
- जिसमें दवा सप्लाई की पेमेंट बार-बार करा लिया गया था।
- मामले की शिकायत जब शासन को हुई।
- तो 2006 आर्थिक अपराध शाखा को मामला जांच के लिए सौपा गया और यह जांच बदस्तूर 11 साल तक चलती रही।
- पूर्ववर्ती सरकारो ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
- सूबे में सरकार बदलते ही भ्रष्टाचार के मामले में योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की।
- आर्थिक अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नंद किशोर पांडेय ने गुरुवार की रात सदर कोतवाली में केस कराया।
- इसमें 2 पूर्व CMO व 3 कर्मचारियों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। (Drug Supply Scam)
- धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
- पुलिस अधीक्षक का कहना है कि सरकारी धन की गबन के मामले में सदर कोतवाली मुकदमा दर्ज कराया गया है।
- इस मामले में आगे भी आर्थिक अपराध शाखा ही कार्रवाई।