उत्तर प्रदेश स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) के मुख्य प्रबंधक, महाप्रबंधक व अधिशाषी अधिकारी समेत सात के खिलाफ एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक महेश चंद्र श्रीवास्तव ने हजरतगंज कोतवाली में धोखाधड़ी और घूस मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। महेश ने अधिकारियों पर काम के बावत 80 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया है।
इस संबंध में हजरतगंज कोतवाली इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही ने बताया कि सिडको के मुख्य प्रबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक गोविंद बल्लभ मिश्र, अधिशाषी अधिकारी रमेश मुनी त्रिपाठी के अलावा धीरेंद्र कुमार, अनूप गुप्ता, आशीष शुक्ला और संजय कात्यायन के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
आरोप है कि कंपनी को काम आवंटित होने के बाद घूस के रुपये न देने पर उक्त अधिकारियों ने फर्जी प्रपत्र तैयार कर आगरा मेडिकल कॉलेज में फायर फाइटिंग सिस्टम और झांसी मेडिकल कॉलेज में गैस पाइप लाइन के उच्चीकरण के काम को निरस्त कर दिया। हजरतगंज कोतवाल के मुताबिक, इंदिरानगर निवासी महेश चंद्र श्रीवास्तव ‘आर क्यूब ग्रुप ऑफ कंपनीज’ के प्रबंध निदेशक हैं। गोखले मार्ग स्थित शौशील कांप्लेक्स में उनका ऑफिस है।
महेश के अनुसार उनकी कंपनी को आगरा और झांसी मेडिकल कॉलेज के कुछ कार्यो का आवंटन यूपी सिडको लिमिटेड से वर्ष 2016 में हुआ था। वर्क ऑर्डर मिलने के बाद मई से उनकी कंपनी ने काम शुरू करा दिया। इसी बीच दो अगस्त 2016 को उन्हें यूपी सिडको से काम निरस्त किए जाने का नोटिस मिला। संपर्क करने पर उन्हें एनेक्सी बुलाया गया और बताया गया कि रेट ज्यादा होने की वजह से आपकी कंपनी का वर्क ऑर्डर निरस्त किया गया है। दोबारा काम के लिए उनसे 80 लाख रुपये घूस मांगी गई।