कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी पर धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसके लिए एक अधिवक्ता दिल्ली की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पटियाला हॉउस में प्रार्थना पत्र दिया है। कोर्ट में मामले का संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई की तारीख 3 मई की रखी है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाले अधिवक्ता अशोक पांडेय ने uttarpradesh.org से बातचीत के दौरान बताया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपराध किया है। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 3 मई रखी है। अधिवक्ता ने बताया कि सोनिया गांधी अपना असली नाम छिपाकर दूसरे नाम से भारत में निवास कर राजनीति कर रही हैं।

अधिवक्ता अशोक पांडेय ने बताया कि सोनिया गांधी का असली नाम सोनिया गांधी एलियट एन्थोनिया माइनो है। उनके पिता का नाम स्टिफ फानो माइनो है। सिग्नेचर ऑफ ग्रांटी की जगह पर उनकी फोटो लगी है। फोटो के पास पूरे हस्ताक्षर लिखे हैं। हस्ताक्षर में सोनिया ने एंटोनिया माइनो गांधी लिखा है। अधिवक्ता का तर्क है कि सिग्नेचर वाले नाम का उन्होंने दोबारा कहीं प्रयोग नहीं किया है।

अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी बनाई उसमें उन्होंने सोनिया गाँधी नाम लिखा जबकि असली नाम गायब हो गया। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति अपना असली नाम छिपाकर दूसरा नाम अभिलेखों में प्रयोग करता है तो वह आईपीसी की धारा 416 के तहत दोषी (इंफारनिफिकेशन) होता है। उन्होंने बताया कि सोनिया ने अपने वोटर आईडी, पासपोर्ट में भी असली नाम छिपाकर सोनिया गाँधी लिखा है।

अधिवक्ता ने बताया कि सोनिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए उन्होंने इलेक्शन कमीशन, संसद भवन को दो साल पहले भी प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पटियाला हॉउस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एफिडेबिड कंटेम्प्ट दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने संसद भवन थाना से रिपोर्ट मांगी है इसकी सुनवाई की तारीख तीन मई रखी गई है।

अधिवक्ता ने कहा कि सोनिया ने असली नाम छिपाने का जुर्म किया है। इसके चलते वह आईपीसी की धारा 416 के अलावा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध की श्रेणी में आती है। उन्होंने पार्लियामेंट्री स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में प्रार्थना पत्र देकर भी सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि सोनिया ने 2012 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में बाबरी मस्जिद के विवाद की पैरवी करने की बात भी लिखी थी। जबकि कोर्ट ने इस संबंध में खुद फैसला लेने का संज्ञान लिया।

अधिवक्ता ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने कंटेम्प्ट दायर किया था। जिसमें अशोक पांडेय वर्सेज सोनिया गाँधी का नाम था। कांग्रेस की सरकार में कानून मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने इसे “रॉनली डिस्क्राइव्ड एज सैंटोनिया माइनो गाँधी” बता दिया था। फिलहाल अधिवक्ता के इस कदम से राजनीति में भूचाल आना तो तय है। अगर सोनिया गाँधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाता है तो राजनीति में क्या होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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