फिरोजाबाद शहर के ढोलपुरा रोड स्थित टाइगर ग्लास कारखाने में लगी भीषण आग में लाखों का सामान जलकर राख हो गया. आग लगने के पीछे कारखाना मालिकों की खुलकर लापरवाही सामने आई हैं.
टाइगर ग्लास कारखाने में लगी आग से लाखों का नुकसान:
फिरोजाबाद के थाना लाइनपार क्षेत्र में टाइगर ग्लास फैक्ट्री के गोदाम में बुधवार रात को भीषण आग लग गई। यह आग कारखाने में वेल्डिंग करते समय आग लगी.
दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग में लाखों रुपए का नुकसान का अनुमान है।
इस भीषण हादसे में कारखाने के मालिकों की लापरवाही भी उजागर हुई.
थाना उत्तर क्षेत्र के गणेशनगर निवासी उद्योगपति धर्मेंद्र मोहन गुप्ता की ढोलपुरा में टाइगर ग्लास के नाम से कांच की बोतल बनाने की फैक्ट्री है।
फैक्ट्री के अंदर बोतलों की पैकिंग किए जाने का गोदाम बना हुआ है। जहाँ बीती रात वेल्डिंग करते समय आग लग गयी. कारखाने में गत्ते होने की वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया.
नहीं थे अग्निशमन उपकरण:
सीनियर फायर अधिकारी जलवीर सिंह ने बताया कि फैक्ट्री के गोदाम में गत्ता होने के कारण आग विकराल हो गई थी।
बता दे कि कारखाने में अग्निशमन उपकरण भी नहीं थे। जिसकी वजह से आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
आग बुझाने के लिए सूबे के टूंडला, शिकोहाबाद, सिरसागंज की फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को बुलाया गया।
अग्निशमन विभाग के अधिकारी की माने तो उनका कहना है कि इस मामले को लेकर कारखाने के मालिकों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि नोटिस देने के बाद भी फैक्ट्री संचालक पर आखिरकार कार्रवाई क्यों नहीं की गई.?
मिल चुकी है मालिक को नोटिस:
अगर पहले से इन बातों का ख्याल रखा गया होता और गंभीरता से लिया गया होता तो आग लगने से रोका जा सकता था.
कारखाने में श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजामात भी नही हैं.
हो भी क्यों, आग लगने से हुए नुकसान की भरपाई कारखाने के मालिक बीमा कंपनियों से कर लेते है.
उन्हें नुकसान का बला क्या डर पर सवाल यह है कि मजदूरों की जान की भरपाई कौन करेगा.
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