किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में पिछले दिनों लगी आग के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था। जिसे जांच कर आग के कारणों की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। लेकिन जब तक रिपोर्ट आती उससे पहले ही ट्रॉमा सेंटर में आग के दो दिन बाद ENT विभाग की opd में शार्ट सर्किट हो गया था। इस घटनां के बाद नींद से जागे शासन-प्रशासन ने कई दिशा निर्देश जारी किए। जिसके तहत अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के सभी उपाए करने को कहा गया है।
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उपकरणों को करें अपडेट
- केजीएमयू प्रशासन के निर्देश पर अग्नि सुरक्षा से संबंधी लंबित कार्य पूरे करने का आदेश हुआ है।
- केजीएमयू में हुए अग्निकांड के बाद सतर्कता दिखाई जा रही है।
- हालांकि ये सतर्कता कितने दिन की है ये कहना मुश्किल है।
- क्यूंकि मामला पुराना होते ही विभागों की लापरवाही दोबारा शुरू हो जाती है ।
- निर्देशनुसार शताब्दी अस्पताल,लॉरी कॉडियोलॉजी और डेंटल की ओल्ड बिल्डिंग में वॉटर टैंक बनना है।
- इसके साथ ही इन बिल्डिंगों में फॉयर निरोधक उपकरणों को भी अपडेट किया जाएगा।
- विभागों के कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन सुरक्षा के तहत मॉकड्रिल करा प्रशिक्षित किया जाएगा।
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- अपर चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. अनीता भटनागर जैन ने केजीएमयू प्रशासन के साथ बैठक भी की।
- डॉ. जैन ने केजीएमयू में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मानकनुरूप अग्नि सुरक्षा के निर्देश दिए है।
- माहवार कलेण्डर कलेण्डर ऑफ एक्टिविटीज बनाकर 10 दिन में संस्थान को रिपोर्ट करें।
- शताब्दी के पीछे, ओल्ड डेंटल बिल्डिंग, लॉरी, पल्मोनरी के निकट अग्नि संबंधी उपाए किये जाएँ।
- वही हादसों पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण करने पाने लिए लंबित काम पूरा होना है।
- सालों से लंबित वॉटर टैंक निर्माण व पाइपलाइन बिछाने की योजना को जल्द पूरा कराया जाएगा।
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