उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर ‘सुहाग नगरी’ के नाम से विश्व विख्यात है, लेकिन नोटबंदी के बाद से फिरोजाबाद का कांच की चूड़ियों का व्यापार अपनी अंतिम साँसे गिनता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने 8 नवम्बर को 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे।
कारखाने और दुकानदार परेशान:
- उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर ‘सुहाग नगरी’ के नाम से विश्व विख्यात है।
- फिरोजाबाद शहर अपनी कांच की चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
- साथ ही फिरोजाबाद को चूड़ियों का शहर भी कहा जाता है।
- लेकिन केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद शहर का चूड़ी कारोबार अपनी अंतिम साँसे गिन रहा है।
- सरकार की कालेधन के खिलाफ लड़ाई में फिरोजाबाद का कांच की चूड़ी का व्यापार लगभग खत्म सा हो गया है।
- फिरोजाबाद के कारखाने और दुकानदार ग्राहकों का इन्तजार करते नजर आते हैं।
- नोटबंदी के बाद से कांच की चूड़ियों के व्यापार को तगड़ा झटका पहुंचा है।
नोटबंदी से थमी रफ़्तार:
- फिरोजाबाद शहर अपनी कांच की चूड़ियों के लिए देश के साथ ही विदेश में भी अपनी धाक जमा चुका है।
- लेकिन नोटबंदी ने शहर की कांच की चूड़ियों के कारोबार पर व्यापक असर डाला है।
- शहर की चूड़ी मंडी कहे जाने वाले इमामबाड़ा मार्केट और गली बोहरान मार्केट में दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं।
- एक समय इन मार्केट्स में देश के कोने-कोने से खरीददारों की भीड़ देखने को मिलती थी।
- वहीँ नोटबंदी की मार ने यहाँ के कारखानों और दुकानदारों के लिए सब चौपट कर दिया है।
कांच का व्यापर 75 फ़ीसदी से ज्यादा प्रभावित:
- नोटबंदी के बाद से फिरोजाबाद में अब तक 75 फ़ीसदी से अधिक कांच का कारोबार प्रभावित हो चुका है।
- फिरोजाबाद शहर में कांच के काम की कुल 400 ईकाई हैं।
- जिनमें से 75 फ़ीसदी बंद हो चुकी हैं।
- जिसके कारण करीब 4 लाख मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं।
- वहीँ नोटबंदी के चलते कांच के व्यापर को रोजाना 10 करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
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