प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए काशी के राहुलपुर में एक टर्मिनल बनाया जा रहा है।
मालवाहक जलपोत की हुई टेस्टिंग:
- वाराणसी में वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए काशी के राहुलपुर में टर्मिनल बनाया जा रहा है।
- जहाँ एक मालवाहक जलपोत वीवी गिरीराज की टेस्टिंग की गयी।
- यहाँ से मालवाहक जलपोत पर 40 कारें कार्गो में अपलोड कर वापस भेजी जाएँगी।
- जल परिवहन के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि, टर्मिनल मार्ग करीब 4 मीटर चौड़ा और 115 मीटर लम्बा होगा।
- यहाँ से 40 कार्गो कार्गों को हल्दिया भेजा जायेगा।
- भविष्य में टर्मिनल के बनते ही इसे एनएच और रेलवे की लाइन से जोड़ा जायेगा।
- हल्दिया-वाराणसी रूट को विकसित करने में करीब 4200 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- आने वाले समय में गंगा नदी के किनारे पर बसे सभी शहरों पर यह सुविधा उपलब्ध होगी।
मालवाहक जलपोत वीवी गिरी की खासियतें:
- इस मालवाहक जलपोत को 2011 में हॉलैंड के पुर्जों को भारत में असेम्बल कर बनाया गया था।
- यह जलपोत छोटे से कंट्रोल यूनिट से 10 सेकंड में 180 डिग्री पर घूम सकता है।
- इसका स्पीड कंट्रोल, लेफ्ट, राइट लोकेशन, एक्सीलेटर की तरह वर्क करता है।
- जहाज का कुल वजन 800 टनहै, इसका कार्गो वेट 300 टन है।
- क्रू मेंबर: 6, ड्राइवर: 1, ग्रीवर: 1, कुक: 1, असिस्टेंट ड्राइवर: 1, पोत असिस्टेंट: 2
- क्रू केबिन: 6, किचन: 1, डाइनिंग हाल: 1, टॉयलेट: 1
- इसकी अधिकतम स्पीड 16 किमी प्रति/घंटाहै।
- जल पोत की लम्बाई 54 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और 2 फ्लोर हैं।
- इस मालवाहक जलपोत को बारिश-धुंध के दिनों में भी कोई दिक्कत नहीं होती है।
- पटना से वाराणसी पहुंचने में जहाज को 6 दिन का समय लगा।