शिक्षामित्रों का आंदोलन आज से एक बार फिर शुरु होने के बाद राजधानी के प्राथमिक विद्यालयों में षिक्षकों का अभाव नजर आने लगा है। किसी विद्यालय में जहां एक से पांच तक की कक्षाओं के छात्रों को एक ही कक्षा में बैठाकर पढ़ाया जा रहा था तो कहीं पर मात्र दो शिक्षक ही समस्त कक्षाओं का संचालन कर रहे थे। uttarpradesh.org की टीम जब राजधानी के प्राथमिक विद्यालयों का जायजा लेने पहुंची तो शिक्षामित्रों के साथ ही कुछ शिक्षक भी अपनी डयूटी से गायब मिले।
ये भी पढ़ें : सीएम योगी ने सुनी शिक्षामित्रों के ‘मन की बात’
दो शिक्षक पढ़ा रहे 105 छात्र
- गुरुवार को राजधानी के तीन प्राथमिक विद्यालयों का हमने भ्रमण किया।
- जिसमें पहला विद्यालय नरही का प्राथमिक विद्यालय रहा।
- जहां पर वर्तमान में मात्र एक ही शिक्षक सभी बच्चों को पढाता मिला।
- शिक्षिका ने बताया कि यहां पर कुल तीन शिक्षक हैं जिनमें दो शिक्षामित्र हैं।
- आज से फिर से आंदोलन शुरु होने के कारण दोनों शिक्षामित्र विद्यालय नहीं आए हैं।
- ऐसे में मजबूरी में सभी बच्चों को एक ही कक्षा में बैठाकर पढाना पड़ रहा है।
- इसके बाद हमारी टीम लामार्टीनियर पुरवा के प्राथमिक विद्यालय पहुंची।
- यहां पर भी एक से पांच तक की कक्षाओं के लिए मात्र एक ही शिक्षक मौके पर मौजूद दिखा।
- पूछने पर पता चला कि बाकी दो शिक्षक विद्यालय नहीं आये हैं।
- जिनमें से एक शिक्षामित्र है जबकि दूसरी शिक्षिका सहायक है।
- ऐसे में बच्चों को अकेले ही पढ़ाना पड़ रहा है।
- इसके बाद हम जियामऊ प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंचे।
ये भी पढ़ें : शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी,21 को पहुंचेंगे राजधानी!
- यहां कुल छात्रों की संख्या 105 है। बावजूद इसके यहां पर तीन शिक्षकों की तैनाती है।
- तीन शिक्षकों में से एक शिक्षक शिक्षामित्र हैं बाकी दो सहायक हैं।
- ऐसे में गुरुवार को मात्र दो शिक्षकों के भरोसे ही पूरा विद्यालय संचालित होता दिखायी दिया।
- आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों के समायोजन की मांग निरस्त कर दी थी ।
- मुख्यमंत्री योगी के कहने पर 15 दिनों के लिए शिक्षामित्रों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
- मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की समस्या का हल निकालने की बात कहीं थी।
- समस्या का हल न निकलने पर उन्होंने आज से फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है।
- 17 से 19 अगस्त तक शिक्षामित्र अपने जिलों में आंदोलन करेंगे।
- और आगामी 21 अगस्त को राजधानी में प्रदर्शन शुरू होगा।
ये भी पढ़ें : सीएम के सामने शिक्षामित्रों के संगठन ने समायोजन की रखी मांग.
क्या कहते हैं शिक्षक
देखें वीडियो
https://youtu.be/zFXtlZ1f7nU
- प्राथमिक विद्यालयों में मौजूद शिक्षक बताते हैं कि शिक्षकों की कमी से छात्रों को परेशानी होती है।
- एक से पांच तक की कक्षाओं में कम से कम चार शिक्षक तो चाहिए।
- लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में मात्र एक या ही शिक्षक हैं ऐसे में बच्चों को कैसे पढाया जाए।
- इस समस्या का समाधान अब सरकार को ही करना होगा।
- पूरे प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव है।
- जब तक इस कमी को पूरा नहीं किया जाएगा बच्चों की शिक्षा अधूरी रहेगी।