राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र के रायबरेली रोड स्थित तेलीबाग के राजीवनगर घोसियाना से रहस्यमय हालात में छात्रा समेत पांच बच्चों के लापता (five missing children) होने के बाद पुलिस ने उन्हें मुंबई से बरामद कर लिया है। लापता बच्चों की उम्र दस से पंद्रह साल के बीच थी। बच्चों के लापता होने के बाद उनके परिजन और पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिये उनकी लोकेशन ट्रैस कर सभी को वापस ले आई है।
मोतीमहल लान में 10 दिवसीय पुस्तक मेला शुरू!
नासिक में भी मिली थी लोकेशन
- पुलिस के मुताबिक लापता बच्चों के पास मौजूद मोबाईल नंबर की लोकेशन अमौसी, शुक्लागंज के बाद नासिक मिली थी।
- इसके आधार पर पुलिस बच्चों तक पहुंचने का प्रयास कर रही थी। पुलिस और परिवारीजनों के अनुसार तीन बच्चे घर से बैग और कुछ कपड़े लेकर निकले थे, जिनमें दो के पास मोबाइल भी थे।
- पीजीआई पुलिस ने सभी बच्चों की मुमशुदगी दर्ज कर बच्चों की तलाश सर्विलांस की टीम के साथ शुरू कर दी थी।
- वहीं नवयुग डिग्री कॉलेज की बीएससी प्रथम वर्ष की लापता छात्रा शिवानी गुप्ता भी अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है।
खुशखबरी: लखनऊ में ही रहेगी टीसीएस!
क्या है पूरा घटनाक्रम
- कैंट क्षेत्राधिकारी तनु उपाध्याय के अनुसार, पीजीआई क्षेत्र के घोसियाना निवासी बाबू खान की बेटी जोया (12), मो. इलियास का बेटा अरशद उर्फ मुन्ना (13), उदय नारायण का बेटा रोहित (15), बसीर अली का बेटा सैफ (12) और सलामत का बेटा इरशाद (10) घर से फुटबाल खेलने की बात कहकर निकले थे। सभी अचानक लापता हो गए।
- पुलिस के मुताबिक रोहित के पिता रिटायर्ड फौजी हैं।
- रोहित केंद्रीय विद्यालय से 10वीं का छात्र है।
डीएसडी इलेवन ने जीता IGCL लखनऊ संस्करण का खिताब!
- वहीं, अरशद आठवीं, जोया कक्षा छह, सैफ कक्षा छह और इरशाद कक्षा चार में कैंट आरए बाजार स्थित माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करते हैं।
- इनमें सैफ, अरशद और रोहित अपने घर से बैग और कुछ कपड़े भी लेकर निकले हैं।
- जिसमें रोहित और अरशद के पास मोबाइल भी था।
- घटना की जानकारी जीआरपी और पड़ोसी जनपदों को भी दी गई थी। जीआरपी, सर्विलांस और पुलिस की टीमें बच्चों की तलाश में जुटी थी।
- लापता बच्चों को मुम्बई जीआरपी ने पुष्पक ट्रेन से बरामद किया। जीआरपी ने बच्चों को कुशीनगर एक्सप्रेस से वापस भेजा। पुलिस के मुताबिक, बच्चे पुष्पक ट्रेन से मुम्बई पहुँचे थे।
- फ़िलहाल अपने (five missing children) बच्चों की बरामदगी की खबर मिलते ही उनके घरों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।
BRD मेडिकल कॉलेज में मरने वाले 30 बच्चों की संख्या घटकर 7 हुई!