इसे चुनावी रंजिश कहें या कुछ और कहें… भले ही एसएसपी दीपक कुमार राजधानी लखनऊ में कानून-व्यवस्था दुरुस्त होने का ढिंढोरा पीट रहे हों लेकिन चार में 4 हत्याओं ने हाईटेक पुलिस की पुलिस खोलकर रख दी है। अब पुलिस हत्यारों की तलाश के लिए जाल बिछा रही है लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते हत्यारे पुलिस की पकड़ से दूर हैं और पुलिस बदमाशों के पीछे खाक छनती फिर रही है।
हाईटेक पुलिस की पोल खोल रहे ये मर्डर
केस नंबर एक- 16 नवंबर 2017 को मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के कल्लीपूूरब के मजरा टिकरा गांव निवासी कामता रावत (42) की हत्या कर दी गई। वह पीजीआई थाना क्षेत्र के कल्ली पश्चिम गांव में स्थित ईंट भट्ठे पर टैक्टर चलाता था। घरवालों ने लूट के बाद हत्या की आशंका जताई।
केस नंबर दो- 17 नवंबर 2017 को मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के भदेसुआ गांव निवासी सुरेंद्र यादव (27) की हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंक दिया गया। वह बैंक से 25 हजार रुपये निकालने गया था।
केस नंबर तीन- 17 नवंबर 2017 को बीकेटी थाना क्षेत्र के छोटी देवरई निवासी पुष्कर सिंह (25) पुत्र नारायण सिंह की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मृतक का कान भी काट लिया और चाकू के कई वार भी किये। अब पुलिस गैर जनपदों में भी हत्यारों की तलाश में गई हुई है।
केस नंबर चार- 18 नवंबर 2017 को विभूतिखंड थाना क्षेत्र स्थित बाल हनुमान मंदिर के आश्रम में राजस्थान के जयपुर के शाहपुर के रहने वाले पुजारी रामशरण दास (55) का शव संदिग्ध परिस्तिथियों में मिलने से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने हत्या किये जाने की आशंका जताई है लेकिन पुलिस इसे स्वाभाविक मौत बताकर मामला समाप्त कर दिया।
केस नंबर पांच- 19 नवंबर 2017 को मलिहाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दुलारमऊ के मजरा भुंसी ने रहने वाले मनोज कुमार रावत (35) का शव दतली रोड पर नाले के पास बरामद हुआ। घरवालों ने हत्या का आरोप लगाया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ऊपर दिए हुए आंकड़े महज चार दिनों के हैं इससे पहले विगत 8 नवंबर को मूलरूप से सआदतगंज बाराबंकी के रहने वाले मो. सईद (65) की चिनहट के मटियारी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन सभी मामलों में एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि सभी मामलों में पुलिस गहनता से छानबीन कर रही है। हत्यारे जल्द ही पकड़कर सलाखों के पीछे भेजे जायेंगे।