बैंकों में कर्ज लेने के लिए जहां आम आदमी को बैंकों के महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं, तो वहीं किसानों को खेती के लिए कर्ज लेने में पसीने छूट जाते है। कागज तैयार कराने के नाम पर किसानों और आम आदमी को परेशान किया जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ बड़े-बड़े कर्जदारों को लोन देने में बैंकोें ने जरूरी कागजात भी लेना मुनासिब नहीं समझा। इन्होंने कम्पनियों को रूपये खैरातों की तरह बांट दिया। देश में पीएनबी के महाघोटाले के बाद ऐसा ही एक घोटाले का मामला यूपी में आया है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर के व्यापारी विक्रम कोठारी रोटोमैक ग्लोबल नाम की कम्पनी चलाता है, जिसके लिए उसने देश के विभिन्न बैंकों से लोन लिया। लोन की कीमत जानकर आप हैरान हो जाएंगे और आप सोचेंगे कि इतना बड़ा लोन बैंकों ने बिना किसी जरूरी कागजात के कैसे दे दिया? आम आदमी जब एक छोटा सा लोन लेने जाता है तो उसके बहुत सारे वेरिफिकेशन के साथ कई दस्तावेज लिए जाते है, जिसकी गहनता से छानबीन कर, पूरे तरीके से संतुष्टि के बाद ही बैंक लोन देता है।

विक्रम कोठारी ने देश के पांच प्रमुख बैंको से लोन लिया था। जिसकी कीमत पांच हजार करोड़ थी। लोन की कीमत जानकर आप अन्दर से हिल गए ना ? जी हां पांच हजार करोड़ रूपये। ये लोन व्यापारी विक्रम कोठारी को बैंकों ने बिना जरूरी दस्तावेजों को लिए दिए थे। जिसके कारण देश के पांच प्रमुख बैंकों के पांच हजार करोड़ रूपये डूब गए। आरबीआई ने इन बैंकों को नोटिस भेजा है। मुम्बई से आए अफसरों ने बैंकों में छापा डाला है जिसके बाद बैंक द्वारा कोठारी की कम्पनी को दिए गए लोन की जांच पड़ताल की जा रही है।

 

इन पांच बैंकों ने दिए लोन

यूपी में भी 5 हजार करोड़ का बैंकिंग घोटाला में देश की पांच प्रमुख बैकों ने लोन दिया था। बैंकों ने इतना बड़ा लोन बिना किसी जरूरी दस्तावेजों के दे दिए थे। इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक एवं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बिना किसी जरूरी दस्तावेजों को लिए व्यापारी विक्रम कोठारी को 5 हजार करोड़ का लोन दे दिया था। अब इन बैंकों का पैसा डूब गया है। विक्रम कोठारी देश छोड़कर भाग सकता है।

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