राष्ट्रीय लोकदल उ0प्र0 के अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता पर आक्रोंश व्यक्त करते हुये कहा है कि पूर्वांचल में गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, फैजाबाद, वाराणसी आदि जनपद बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। गांवों में (Flood affected districts) लोग मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं परन्तु न ही इन जनपदों के सांसदों ने बाढ़ के खतरों का ध्यान दिया ओर न ही प्रदेश सरकार ने। यही कारण है कि बहुत से गांवों का वजूद खतरे में है और लोग पलायन को मजबूर हैं।
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डाॅ0 अहमद ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की कर्मभूमि पूर्वांचल है और उन्हें वहां की भौगिलिक स्थिति का अच्छा ज्ञान है। परन्तु फिर भी समय रहते आपदा प्रबन्धन की ओर ध्यान नहीं दिया गया। राप्ती, सरयू और घाघरा आदि नदियों ने दर्जनों गांवों को घेर लिया है। परन्तु प्रशासनिक व्यवस्था की ढिलाई से लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिवर्ष बाढ़ के द्वारा पूर्वांचल में अपार धन जन की हानि होती है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और अनेको गम्भीर बीमारियां लोगों को काल का ग्रास बना लेती हैं। परन्तु अब केन्द्र सरकार ने इस ओर कोई संज्ञान नहीं लिया।
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जबकि सभी सांसद भारतीय जनता पार्टी के ही हैं और प्रत्येक के पास अपार संसद निधि है। इन लोगों ने अपनी संसद निधियों का भी क्षेत्रीय विकास के लिए प्रयोग नहीं किया। वह भी शेष रह गई तथा क्षेत्र जैसा का तैसा बना रहा। प्रदेश सरकार ने भी समय रहते ध्यान नहीं दिया।
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प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन शीघ्र ही सक्रियता के साथ राहत कार्यों का सम्पादन नहीं करती है तो जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी (Flood affected districts) एवं कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे जिसका उत्तरदायित्व प्रदेश सरकार का होगा।