बाढ़ प्रभावित इलाकों में कटानरोधी कार्य तेज करने के सरकार ने निर्देश दिए थे. सरकार ने स्पष्ट किया कि जो भी कार्य होना है, वो तेजी से हो और मानकों के अनुरूप किया जाये। लेकिन पीलीभीत में इसकी अलग ही कहानी नजर आती है.
पीलीभीत में बाढ़ प्रभावित इलाकों में लापरवाही आयी सामने
- राणाप्रताप नगर पूरनपुर ज़िला -पिलभीत में जो कटानरोधी कार्य चल रहा है.
- उसमें काम के नाम पर खाना पूर्ति हो रही है जैसे कि जो कैरट जमीन में थोड़ा गहराई में लगना चाहिए.
- उसे ऊपर ही रख दिया जाता है जिससे वो कटान में गिर जाता है.
- बोरी बाहर निकल जाती है और कैरट बह जाता है.
- और तो और कई कैरट तो बिना बोरी भरे ही रख दिया जाते है.
- और अगर कोई टोकता है तो उसे बोला जाता है कि काम में बाधा न डालें.
ठेकेदार की मनमानी, अधिकारी चुप:
- कटान वाली जगह पर पेड़ और पेड़ की झाड़ डाली जा रही थी ताकि पानी की धार बदली जाए. (8000 रुपये प्रति पेड़) पेड़ की झाडी डालने का काम ठेके में हुआ.
- ग्रामीणों का आरोप है कि मौजूद अधिकारी यह काम ठेकेदारों के साथ मिलकर कर रहे है.
- जो ठेकेदार वाहा काम कर रहा है उसके पास लाइसेंस भी नही है.
- पूरे ग्राम वासियों का कहना है कि इसपर ध्यान दिया जाए और मानकों के अनुरूप कार्य करवाया जाए.
- कटान रोधी कार्य के काम पर खानापूर्ति कर पैसा बनाने में ठेकेदार जुटे हैं, जबकि जिम्मेदार अधिकारी इसपर मौन हैं.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.