सरकार जहां एक तरफ प्रदेश में गांवों की हालत बदलने के बड़े बड़े दावे कर ही है वहीँ इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आती है. विकास के नाम पर गांवों के सरकारी खजाने खाली हो रहे हैं मगर गांवों के हालात जस के तस नज़र आ रहे है. बारिश ने विकास के सभी दावों की पोल खोल दी है।
बारिश से खेत में तब्दील हुआ गाँव:
मामला जनपद रायबरेली के हरचंदपुर क्षेत्र के शेरी गांव का का है जहाँ लोगों के घरों में पानी भर गया है वो भी इस कदर की लोगों का जीना मुश्किल हो गया कर दे, मगर गांव में विकास की गाथा गाने वाले ग्राम प्रधान के पास जब जनता ने शिकायत की तो प्रधान ने दबंगई दिखाते हुए पुलिस बुला दी. हालांकि गांव की जनता के दर्द के आगे पुलिस भी बैरंग लौट गई।
बारिश से बेहाल लोगों ने प्रधान के खिलाफ़ खोला मोर्चा:
बीते चार दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश ने गांव में ऐसा तांडव मचाया है कि बाढ़ जैसे हालत उतपन्न हो गए हैं, सड़क से लेकर लोगो के घरों तक पानी घुस गया लेकिन इन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय के सामने पहुँच गए मगर फिर भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था।
गाँव वालों की शिकायत पर प्रधान ने बुलाई पुलिस:
ग्रामीण प्रदीप और अमित की माने तो उनके गाँव मे लोगो के घरों में पानी भर गया और जब इस बात को लेकर उन्होंने ग्राम प्रधान से शिकायत करी तो प्रधान ने उनको यह कहते हुए बैरंग वापस कर दिया कि जाओ ‘जिससे जो शिकायत करनी है करो जाकर मेरा कोई कुछ नही उखाड़ सकता’ .ग्रामीणों ने आरोप लगाया की जब उन्होने प्रधान से शिकायत की तो प्रधान ने धौंस जमाने के लिए पुलिस को बुला लिया।
ऐसे में जब बारिश के चलते जहाँ ग्रामीणों को बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है और अपने प्रधान के पास शिकायत लेकर जाने पर पुलिस बुलाई जाती है तब गाँववालों को इस बेरुखी के बीच बस मौसम के बदलने का इंतज़ार है.
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