उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला के बाद अब आजमगढ़ जिला के उत्तरी छोर में बहने वाली घाघरा नदी में 12 घटे में 2 सेंटीमीटर बढ़ाव के बाद पानी स्थिर हो गया है। जो पानी नदी से बाहर जा रहा है उससे नदी के जलस्तर में स्थिरता आ रही है। बनबसा बैराज से पानी के डिस्चार्ज होने पर घटता बढ़ता क्रम सगड़ी क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी में देखा जा सकता है। हालांकि इन सबके बीच देवारा वासियों में इसको लेकर भय व्याप्त है। तो वहीं नदी ने अपने तटीय क्षेत्र में कटान को फिर से तेज कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पुरवा हवा के तेज होने के कारण नदी के किनारों पर पानी के थपेड़ों से कटान तेज हो गई है। कटान के भय से लोग पलायन भी कर रहे हैं। देवारा के अचल नगर, रामसरन दुबे, आचल सिंह, गरीब दुबे, भिच्छुआ दास, गलसदिया, सीकठिया आदि गावों के तटीय क्षेत्रों में नदी कटान करने के साथ कृषि योग्य भूमि को भी काट रही है। संपर्क मार्ग डूब जाने से आवागमन भी बाधित है। खरैलिया ढाला से सोनौरा संपर्क मार्ग, मानीकपुर से मानिकपुर नई बस्ती संपर्क मार्ग, शाहडीह से बाका बुढनपट्टी संपर्क मार्ग आदि मार्गो पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित है।
मंगलवार सुबह आठ बजे बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर 70.96 मीटर पर रहा। जो देर शाम 4 बजे बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर 70.98 मीटर पर ठहर गया है। सुबह डिघिया गेज पर नदी का जल स्तर 70.13 मीटर पर रहा जो शाम चार बजे डिघिया गेज पर जलस्तर 70.11 मीटर पर रहा। वहीं बदरहुआ गेज 2 सेंटीमीटर बढ़ाव पर है तो वहीं डिघिया गेज पर 2 सेंटीमीटर घटाव पर दर्ज किया गया।
लोग पानी में पैदल आवागमन कर रहे हैं। अभी तक सरकारी नाव नहीं लगाई जा सकी है न ही कोई सरकारी अधिकारी अभी बाढ़ पीड़ितों एवं कटान पीड़ितों का हालचाल लेने पहुंचा है। खरैलिया से सोनौरा संपर्क मार्ग पर पानी ज्यादा होने के कारण लोग लकड़ी के जर्जर पुल से आवागमन कर रहे हैं। स्कूली बच्चे भी जर्जर पुल से आवागमन कर रहे हैं जो खतरे से खाली नहीं है सरकारी नाव नहीं लगाने से स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।