प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला के कैंट रेलवे स्टेशन के पास उस समय हड़कंप मच गया जब एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर कई टन बजनी पिलर कैंट रेलवे स्टेशन के पास सड़क पर गुजर रहे वाहनों पर गिर गया। इस हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हो गए। वहीं शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 15 लोगों की मौत की खबर आ रही है। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। हालांकि की आभी इस बात कि पुष्टि नहीं हुई है कि हादसे में कितने लोगों की जान गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने घायल लोगों के जल्द ठीक होने की कामना की है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए, ‘मैंने अधिकारियों से बात की है और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है।’ इसके साथ ही दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘मैंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले पर बात की है। यूपी सरकार मामले पर नजदीक से नजर बनाए हुए है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को हर संभव मदद के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुँच चुकी हैं। सीएम ने मृतकों के परिवार वालों को 5-5 लाख रूपये और घायलों के परिवार वालों को 2-2 लाख रुपये देने का एलान किया है। सीएम ने बताया कि घटना के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अलावा राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी को तत्काल मौके पर भेजा गया है। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, पुलिस की कई टीमें जुटीं हैं।
[hvp-video url=”https://www.youtube.com/watch?v=k8tWvBKASxs&feature=youtu.be” poster=”https://www.uttarpradesh.org/wp-content/uploads/2018/05/Untitled-2-copy-41.jpg” controls=”true” autoplay=”true” loop=”true” muted=”false” ytcontrol=”true”][/hvp-video]
चारों ओर मचा हाहाकार और चीख पुकार, गाड़ियां हुई चकनाचूर
वाराणसी में कैंट स्टेशन के सामने सड़क पर राजकीय निर्माण निगम फ्लाई ओवर का निर्माण करा रहा है। मंगलवार शाम को निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक पिलर गिर गया। ओवरब्रिज का पिलर गिरने के बाद चीख पुकार मच गई और अफरातफरी की स्थिति मौके पर बन गई। पिलर का एक हिस्सा गिरने से उसके नीचे कई लोग दब गए। कार में बैठे लोग भी पिलर की चपेट में आने से कार के साथ ही पिचक गए। घटनास्थल पर कई गाड़ियां, जिनमें बस, कई कारें और लगभग आधा दर्जन से ज्यादा मोटरसाइकिलें भारी भरकम पिलर के नीचे दबी हुई थी। घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त था। लोगों में इस निर्माण के तरीके को लेकर भी गुस्सा देखने को मिल रहा था। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर स्थानीय लोग, NDRF और पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गये थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर लोगों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव का कार्य देर रात तक जारी था। घटनास्थल का नजारा बड़ा ही वीभत्स है।
जान बचाने की कोशिश में कई लोग गिरकर घायल
जानकारी के मुताबिक, कैंट रेलवे स्टेशन के पास महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक जमीन पर आ गिरा। ओवर ब्रिज का हिस्सा जमीन पर गिरते ही नीचे मौजूद लगभग 50 लोग इसके मलबे में दब गए। इस दौरान भागादौड़ी और जान बचाने की कोशिश में कई लोग इस दौरान गिरकर घायल भी हो गए। काफी भीड़ भरे क्षेत्र में अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने के बाद मौके पर पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में जुट गए। हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय नागरिक भी सहयोग में आगे आए और ओवरब्रिज गिरने के बाद नीचे फंसे वाहन और उसमें मौजूद लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे।
इलाके का बदला गया यातायात
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के सामने सड़क पर बन रहे फ्लाई ओवर का पिलर गिरने के कई लोगों के दबने के बाद यातायात भी दोनों तरफ का बाधित हो गया तो काफी लंबी दूरी तक जाम की स्थिति भी बन गई। लोगों को बचाने के साथ ही पुलिस यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने में व्यस्त हो गई। पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गई। सपा शासनकाल से बनना शुरु हुआ यह ओवर ब्रिज चौकाघाट स्थित बस स्टैंड से लहरतारा तक विस्तार किया जा रहा था।
क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका हो रहा तैयार
आपको बता दे कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बीजेपी यहां लगातार विकास करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आती है। लोकसभा चुनाव 2014 में वाराणसी से जीत हासिल करके सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी को क्योटो बनाने का वादा किया। इस वादे के तहत पीएम ने वाराणसी को 21वीं सदी के लिए मॉर्डन स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद करते हुए शहर को जापान की धार्मिक राजधानी क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका तैयार किया।