भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि योगी सरकार खाद्य प्रसंस्करण पर खासा जोर दे रही है। जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे साथ ही किसानों की बदहाली भी दूर होगी। श्री त्रिपाठी ने बताया कि गन्ना पेराई खत्म होने के बाद चीनी मिले आमतौर पर 6-7 महीने बंद रहती हैं जहां चीनी और खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाएं तलाशी जा रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी ने इस पर कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक समिति गठित की है। इससे किसानों और मिल मालिकों को दोहरा लाभ मिलेगा।

खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाएं हैं असीम

श्री त्रिपाठी ने कहा कि चीनी मिलों से विद्युत उत्पादन, डिस्टिलरी व अन्य उत्पादन किया जा सकता है। आलू, आंवला, गन्ना, टमाटर सहित कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं जिसमें खाद्य प्रसंस्करण की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें पिछली सरकार नजर अंदाज करती रही है। उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 245 अरब रूपये के 637 निजी प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिनमें से 47 उद्यमी पहले ही अपना कार्य प्रारम्भ कर चुके है। योगी सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए और निजी निवेश को लुभाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण नीति भी घोषित की है।

सरकार किसानों की आय बढ़ाने के हर सम्भव कर रही प्रयास

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के हर सम्भव प्रयास कर रही हैं। गेंहूॅ, धान की सरकारी खरीद युद्धस्तर पर की जा रही है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में खाद्य प्रसंस्करण सहायक सिद्ध होगा।

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