उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में बहुत कम वक्त रह गया है। जहां सभी पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी है वहीँ सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी अपने गृहयुद्ध का सामना कर रही है। सीएम अखिलेश यादव अपने गृहयुद्ध में इतने व्यस्त है कि दीवाली पर उन्हें प्रदेश की जनता की जरूरतों का भी ख्याल नहीं है। सीएम अखिलेश यादव के इस रवैये के कारण प्रदेश के राज्य कर्मचारियो ने 30 अक्टूबर को जीपीओ पार्क में धरना और दीवाली न मनाने की सरकार को चेतावनी दी है।
सभी वर्गों में है आक्रोश :
- यूपी के राज्य कर्मचारियों में अपने वेतनमान को लेकर आक्रोश अभी भी बना हुआ है।
- बीते दिन भी राज्यकर्मचारियों, आशा बहुओं, रसोइयों, महिला समाख्या कार्यकर्त्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा।
- इन राज्य कर्मचारियों ने कैंट रोड पर धरना दिया और अपनी मांगों को राज्य सरकार के सामने रखा।
- अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि मांगों को जल्द नहीं माना गया तो सभी राज्यकर्मी 30 अक्टूबर को जीपीओ पार्क में धरना देंगे और दीवाली नहीं मनाएंगे।
- राज्यकर्मियों के मन में सरकार की इस नाइंसाफी को लेकर बहुत ज्यादा आक्रोश है।
- उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में राज्य सरकार ने पीड़ितों और वंचितों को कोई भी सहायता प्रदान नहीं की है।
- इसी कारण आशा बहुओं, रसोइयों, महिला समाख्या कार्यकर्त्री, संगिनी और पीआरडी जवानों को मजदूरी का जीवन जी रही है।
यह है मुख्य मांगे :
- राज्य कर्मचारियो ने बीते दिन कैंट रोड पर धरना देते हुए अपनी मांगे सरकार को बतायी है।
- वे चाहते है कि संविदा व मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों व स्कीम वर्कर्स को न्यूनतम 18000 रूपए वेतन दिया जाए।
- इसके अलावा पीआरडी जवानों को 50 वर्ष की उम्र के बाद हटाए जाने का आदेश वापस हो।
- सभी राज्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-पे 1900 रूपए कर दिया जाए।
- राज्य के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-पे 2400 रूपए निर्धारित किया जाए।