लोकभारती के तत्वावधान में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन कृषि ऋषि पदमश्री सुभाष पालेकर ने कृषि में फास्फेट और पोटाश की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दोनों पोषक तत्व बिना बाहर से डाले ही स्वत: ही पौधों को मिल जाता है यह जीवाणुओं के माध्यम से मिलता है यह सभी जीवाणु गाय के गोबर और मूत्र में बड़ी संख्या में उपलब्ध रहते हैं। (Indigenous Cow)
देसी गाय पाले जीवामृत बनाकर खेतों में डालें
- शून्य लागत प्राकृतिक कृषि के जन आंदोलन के प्रणेता पालेकर ने बताया कि यदि खेती डीएपी और पोटाश की ऊपर से डालने से होती तो सभी जंगल सूख जाने चाहिए।
- लेकिन ऐसा नहीं है जंगल बिना डीएपी और पोटाश डाले हरे-भरे रहते हैं।
- इसका मतलब है प्रकृति में यह तत्व मौजूद रहते हैं उन्हें जागृत करने की जरूरत है गाय के गोबर गोमूत्र से बने जीवामृत और घनजीवामृत से यह संभव है।
- पालेकर ने कहा रासायनिक खादों को खेतों में डालकर हम लोगों ने इन जीवाणुओं को या तो नष्ट कर दिया है या फिर वो कम होते चले गए।
- यही कारण है की रासायनिक खादों व कीटनाशक के प्रयोग से अनाज व फलों मैं विषैले तत्व बढ़ते जा रहे हैं जिससे लोग बीमार होते जा रहे हैं। (Indigenous Cow)
- इसलिए रासायनिक खादों का प्रभाव समाप्त करने के लिए जीवामृत और घनजीवामृत का उपयोग अत्यंत जरुरी है।
- ताकि लोग स्वस्थ रह सकें जिसे स्वस्थ तन व मन हो जिससे समृद्ध राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। इसलिए एक देसी गाय पाले जीवामृत और घनजीवामृत बनाकर खेतों में डालें।
देशी गाय में होते हैं 33 कोटि देवता (Indigenous Cow)
- उन्होंने बताया कि स्वदेशी गाय को नष्ट करने के लिए ही विदेशियों ने जर्सी गाय का प्रचार-प्रसार किया।
- हम लोग सुनते हैं कि देशी गाय में तैंतीस कोटि देवता होते हैं।
- वास्तव में यह देवता नहीं है 33 कोटि जीवाणु है जो स्वस्थ अन्य पैदा कर राष्ट्र के निर्माण में लगे लोगों को स्वस्थ रखता है।
- कृषि ऋषि ने कहा कि इस शिविर के बाद लोग देसी गाय बेचना बंद कर देंगे बल्कि उसे पालना शुरू कर देंगे।
- जब शून्य लागत प्राकृतिक खेती से उपज बढ़ेगी इसके बाद लोग गाय बेचना बंद कर देंगे जब गाय बिकेगी नहीं तो कटेगी नहीं और कत्लखाने स्वयं बंद हो जाएंगे।
- पालेकर ने खरपतवार नियंत्रण पर लोगों को बताया कि आच्छादन से खरपतवार पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।
- आच्छादन से खरपतवार का विकास नहीं हो पाता और वह नष्ट हो जाते हैं इसके साथ ही आच्छादन नमी को बनाए रखने में मदद करता है। (Indigenous Cow)
- प्रशिक्षण शिविर में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लोक भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह अभियान समन्वयक गोपाल उपाध्याय तथा संपर्क प्रमुख कृष्ण चौधरी मौजूद थे।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.