उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सूबे की सत्ता में अपने 6 महीने पूरे कर चुकी है. 26 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी. लोकभवन में कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया गया. सीएम योगी ने कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता की. कैबिनेट मीटिंग में कई प्रस्तावों को मंजूरी (yogi cabinet decisions) मिली. इसमें वृक्ष पातन और वृक्षारोपण के नयी नीतियों पर चर्चा हुई और प्रस्तावों को पारित किया गया.
कैबिनेट में पास हुआ था प्रस्ताव:
- वृक्ष संरक्षण की नियमावाली के अंतर्गत नई सूचना निर्गत करना.
- एक वृक्ष के काटने पर 10 वृक्ष लगाने होंगे.
- 62 जिलों में 5 प्रजातियों को छोड़ अन्य वृक्ष काटने की मंजूरी.
- 13 जिलों में 7 को छोड़ अन्य प्रजातियों के वृक्ष काटने की मंजूरी.
- किसानों को वृक्ष पातन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
- वृक्ष काटने वालों को वन अधिकारी और दिए गए निर्देशों के अनुसार अनुमति मिलेगी.
क्या कहता है शासनादेश:
- जबकि शासनादेश जारी होने के बाद इसको लेकर कई लोगों ने सवाल उठाये हैं.
- सवाल ये है कि किस प्रकार के लोगों को वन सम्पति यानी पेड़ों को काटने की अनुमति मिलेगी?
- अगर अनुमति के बिना किसान पेड़ काट सकते हैं तो शासनादेश में इसका जिक्र क्यों नहीं किया गया है?
- वहीँ अन्य लोगों द्वारा पेड़ काटने के कारणों को किस प्रकार से प्रमाणित कर उन्हें अनुमति दी जाएगी?
- इस प्रकार के सवालों को लेकर शासनादेश पर बहस छिड़ गई है.
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