लख़नऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप मामले में जांच के लिए SIT का गठन किया है। गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्य एसआईटी का गठन हुआ है। इसके साथ ही सीएम ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का भी निर्देश दिया है। वही इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विट कर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी द्वारा हाथरस की घटना पर जांच हेतु तीन सदस्यीय SIT गठित की गई है जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह श्री भगवान स्वरूप एवं श्री चंद्रप्रकाश, पुलिस उपमहानिरीक्षक व श्रीमती पूनम, सेनानायक पीएसी आगरा सदस्य होंगे।
SIT अपनी रिपोर्ट 7 दिन में प्रस्तुत करेगी।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 30, 2020
दरहसल उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी और फिर पुलिसवालों की अमानवीयता से पूरे देश में आक्रोश है। तो वहीं, इस कांड के बाद विपक्ष के निशाने पर आई योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की यह टीम सात दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम एसआईटी के सदस्य होंगे। सीएम योगी ने पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने के निर्देश भी दिए है। बता दें इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया है।
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से मांगा इस्तीफा।
वहीं, दूसरी और उत्तर प्रदेश प्रभारी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।