अपने पद का गलत तरीके से इस्तेोमाल करके अपनी बेटियों के नाम दो भूखंड आवंटित करने के केस में नोएडा विकास प्राधिकरण की पूर्व सीईओ नीरा यादव ने सोमवार को विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच डासना जेल भेज दिया गया।
• जेल भेजे जाने के फरमान सुनाए जाने के बाद नीरा यादव दुखी मन से अपने पति के साथ बाहर तक आई ।
• सीबीआई विशेष न्यायधीश एस लाल की अदालत ने नीरा यादव को नोएडा भूखंड आवंटन मामले का दोषी पाया था। जिसके लिए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
• नीरा यादव सीबीआई की अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट चली गई थी। वहां पर यादव ने अपनी सजा को खत्म किए जाने के लिए अर्जी लगाई थी।
• नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जाँच ब्यूरो ने 1971 बैच की आईएएस और यूपी की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव पर भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने के आरोप की जांच की थी और एक रिपार्ट दर्ज की थी।
• अर्जी खारिज होने के बाद सोमवार को पूर्व सीईओ नीरा यादव अपने पति महेन्द्र यादव के साथ सीबीआई अदालत में पहुंची और आत्मसमर्पण किया।
• नोएडा विकास प्राधिकरण के कई अफसरों पर करप्शीन के गभींर चार्ज है। माना जा रहा है कि इसी मामले में आरोपी एक अन्य आईएएस राजीव कुमार भी जल्द ही आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें