देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले दिग्गज राजनेता एवं औद्योगिक क्रान्ति के जनक पंडित नारायण दत्त तिवारी का निधन दो दिन पहले उनके 93वें जन्मदिन पर हो गया है। उनके निधन से पूरा देश खासतौर पर उनकी कर्म एवं जन्म स्थली यूपी तथा उत्तराखंड शोक में डूबा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित विधान भवन में उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। इस दौरान तमाम राजनैतिक दलों के दिग्गज नेताओं ने आकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजली दी।
लखनऊ लाया गया पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर :
यूपी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का पार्थिव शरीर शनिवार को लखनऊ लाया गया। लखनऊ एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों ने उन्हें (एनडी तिवारी) श्रद्धांजली दी। इसके बाद पार्थिव शरीर विधान भवन लाया गया।
यहां विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित व गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। बृहस्पतिवार को एनडी तिवारी का दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में निधन हो गया था डीजीपी ओपी सिंह, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित तमाम मंत्री और नेतागण मौजूद थे।
अपने आप में काफी खास थे तिवारी :
नारायण दत्त तिवारी देश के पहले ऐसे राजनीतिज्ञ थे जिन्हें दो-दो राज्य का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ। वह नेहरू-गांधी के दौर के उन चंद दुर्लभ नेताओं में थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय योगदान दिया।
केंद्र में वित्त, विदेश, उद्योग, श्रम सरीखे अहम मंत्रालयों की कमान संभाल चुके एनडी तिवारी को जब उत्तराखंड सरीखे छोटे राज्य की कमान सौंपी गई तो उत्तराखंड की आंदोलनकारी शक्तियां असहज और स्तब्ध थी।
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