उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को नियमों में बदलाव करके आजीवन सरकारी बंगले के आवंटन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल की गई एक याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले के आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट गंभी है और उसने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
- आजीवन बंगला आवटंन के नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है।
- याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है।
- मालूम हो कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का आदेश दिया था।
- जिसेक बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में नया कानून बनाया।
- यूपी सरकार ने विधानसभा में बिल पास करा कर नया कानून बना लिया।
कोर्ट के आदेश से मुश्किल में आए पूर्व सीएमः
- सुप्रीम कोर्ट के बंगला खाली करने के आदेश के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री मुश्किल में आ गए थे।
- लेकिन वर्तमान अखिलेश सरकार ने विधानसभा में बिल पास करके आजीवन बंगला दे दिया।
- यूपी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को हुए बंगलों के आवंटन पर कानूनी मुहर लगा दी।
- गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा क इसका संविधान में कोई प्रावधान नही है।
- यूपी के कानून के तहत भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर देने का कोई प्रावधान नहीं है।
- तर्क दिया गया कि यदि ये कानून रद्द नहीं किया गया, तो बाकि राज्य भी ऐसे आदेश जारी कर सकते हैं।
इन दिग्गजों को मिला है बंगलाः
- सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को बंगला मिला हुआ है।
- बसपा सुप्रीमों मायावती भी बगले पर काबिज है।
- वहीं भाजपा के राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह के नाम से भी लखनऊ में बगले हैं।
- साथ ही एन डी तिवारी और राम नरेश यादव ने बतौर मुख्यमंत्री यूपी पर शासन किया।
- इस सभी को राज्य सरकार ने नाम मात्र के किराये पर बंगला आवंटित किया है।