2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुर कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर संगठन को मजबूती देना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि बसपा के साथ गठबंधन कर भाजपा के सत्ता से बाहर जाने का रास्ता बन चुका है। बीते दिनों मुलायम सिंह यादव के बचपन के मित्र का निधन हो गया था जिससे वे काफी दुखी थे। इस घटना को ज्यादा दिन नहीं बीता है और मुलायम के एक और करीबी का आकस्मात निधन हो गया है जिससे यूपी की राजनीति में शोक की लहर है।

पूर्व विधायक का हुआ निधन :

संभल जिले में सियासत के चाणक्य माने जाने वाले गुन्नौर के पूर्व विधायक ऋषिपाल सिंह ‘दद्दा’ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। वह समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार के भी काफी करीबी थे। गुन्नौर क्षेत्र के एहरौला नौआबाद गांव निवासी ऋषिपाल सिंह यादव उर्फ दद्दा 1967 में पहली बार जनसंघ से विधान सभा का चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद 1969 में विधान सभा चुनाव में जनसंघ से वे विधायक बने। 1974 में फिर चुनाव हारने के बाद 1990 जनता दल से जुड़े और बदायूं के जिलाध्यक्ष बने। मुलायम सिंह यादव के सहयोग से ये एमएलसी चुने गए। दद्दा ने बदायूं में कई बड़े नेताओं को सियासत सिखाई है। वह बाबूराम भाय सिंह डिग्री कालेज व इंटर कालेज के संस्थापक भी थे।

 

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पोते को दिलाना चाहते थे टिकट :

2017 के विधान सभा चुनाव में दद्दा अपने पौत्र सुमित यादव को विधान सभा का चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह सपा से दूर हो गए थे। उन्होंने अपने पौत्र को निर्दलीय चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया था जिससे सपा में खलबली मच गई। इसके बाद मुलायम के भतीजे और बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव ने उनके घर जाकर चुनाव न लड़ने के लिए मनाया था। एक मईको दद्दा का 80वां जन्म दिन था। पिछले 5 महीनों से दद्दा की तबीयत खराब थी। उनका इलाज नोएडा के कैलाश हास्पिटल में चल रहा था।

 

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