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कानपुर लोकसभा सीट से किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती हैं मायावती

2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी ने पदाधिकारियों के साथ बैठक करना शुरू कर दिया है। इस बार समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अलावा कुछ अन्य राज्यों में भी प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। सपा लोकसभा चुनावों में भाजपा को चारों ओर से घेरना चाहती है। यही कारण है कि सपा ने बसपा से गठबंधन करके बीजेपी की मोदी लहर को उत्तर प्रदेश में रोकने की तैयारी कर ली है। बसपा ने भी अपनी हारी हुई सीटों पर मंथन करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में यूपी की कानपुर सीट से लगातार हारने वाली बसपा ने गठबंधन के बाद एक ब्राह्मण चेहरे को यहाँ से उतारने की तैयारी कर ली है।

ब्राह्मण को मिल सकता है मौक़ा :

पिछले एक दशक से कानपुर से लगातार बसपा को हार मिल रही है। सपा के साथ बठबंधन के बाद अब पार्टी सुप्रीमो ने मजदूरों के शहर में बसपा को मजबूत करने के लिए संगठन और स्थानीय कार्यकर्ताओं की कई बार बैठक लखनऊ में की है। कानपुर नगर, देहात और मिश्रिख सीटें हैं जिनमें अकबरपुर सीट पर लगभग दोनों दलों के बीच सहमति बन गई है। यह सीट हाथी के खाते में जा चुकी है।

कैराना में मिली जीत से सभी विपक्षी दल काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। पिछले एक दशक से बसपा कानपुर में एक भी लोकसभा, विधानसभा सीट जीत नहीं पाई है। ऐसे में गठबंधन के बाद पार्टी सुप्रीमो को अब गंगा की नगरी में हाथी दौड़ाने का एनर्जी मिल गई है। इस सीट पर उम्मीदवार के लिए सबसे आगे पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा का नाम चल रहा है। हालाँकि अंटू मिश्रा पर सीबीआई की तलवार लटक रही है। ऐसे में वे यहाँ से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।

शहर से जुड़ी है 4 विधानसभा सीटें :

अकबरपुर रनियां लोकसभा क्षेत्र की रनियां विधानसभा सीट कानपुर देहात जिले में पड़ती है। बिठूर, कल्याणपुर और महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र कानपुर नगर जिले में आते हैं। अकबरपुर रनियां लोकसभा सीट से बसपा का ब्राह्मण प्रत्याशी कौन होगा, इस पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने मंथन करना शुरू कर दिया है। अंटू मिश्रा का हालाँकि सबसे आगे हैं लेकिन उन पर कानून का डंडा पड़ने का खतरा बना हुआ है। इस लोकसभा क्षेत्र का ज्यादा हिस्सा कानपुर महानगर में आता है। ऐसे में किसी बाहरी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। बसपा कोआर्डिनेटर ने बताया कि अभी सीटों पर मंथनबात चल रहा है। अकबरपुर-रनिया में बसपा 2014 में दूसरे नंबर रही थी। ऐसे में यहाँ से हमारा दावा मजबूत है।

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