समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबी और अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय फिर से अपने पुराने घर समाजवादी पार्टी में लौट आए हैं। हालाँकि इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन उनकी गाड़ी पर समाजवादी पार्टी के झंडे ने जगह ले ली है जिसके बाद इस बारे में चर्चा तेज हो गयी है। बलिया के बिल्थरारोड में पूर्व मंत्री स्व. शारदानंद अंचल के जन्मदिन कार्यक्रम में सपा नेताओं के साथ उनकी मौजूदगी ने इसे और बल दे दिया। इसके अलावा उनके चंद्रशेखरनगर स्थित आवास पर बकायदा एक बैठक हुई जिसमें सपा की मजबूती के साथ ही साइकिल समग्र यात्रा की सफलता के बावत विचार-विमर्श भी किया गया।
सपा से दिया था इस्तीफ़ा :
यूपी के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में छिड़ी रार ने पूर्व मंत्री नारद राय को लपेटे में ले लिया था। नारद राय सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव के खेमे के थे जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था। पार्टी की कमान अखिलेश यादव को मिली तो नारद राय की स्थिति कमजोर पड़ी। इसके साथ ही बलिया की नगर विधानसभा सीट से सपा ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो नारद राय ने बसपा का दामन थाम लिया। उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव भी लडा लेकिन सफलता नहीं मिली सकी। इसके बाद से बसपा में वे काफी उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
मुलायम के रहें हैं करीबी :
पूर्व मंत्री नारद राय सपा से बसपा में चले गए लेकिन वे वहां कभी खुद को सहज महसूस नहीं कर सके थे। यही वजह रही कि बहुत जल्द ही उन्होंने बसपा को अलविदा कह दिया। इसके बाद से उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था। हालांकि माना जा रहा था कि कभी न कभी वे फिर से सपा में जरूर लौट आएंगे। सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव के साथ नारद राय के रिश्ते बेहद खास रहे हैं। खबरें हैं कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हरी झंडी मिलने के बाद: नारद राय फिर से सपाई बन गए हैं। समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा से संबंधित उनके आवास पर उनके समर्थकों की बैठक भी हुई।