प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक पारसनाथ यादव ने जिले में बन रहें राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज का नाम अमर शहीद उमानाथ सिंह के नाम पर रखने पर कड़ा विरोध किया है.
- उन्होंने कहा कि स्वा0 उमानाथ सिंह शहीद के श्रेणी में नहीं आते हैं।
- उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इसका नाम डा0 राम मनोहर लोहिया मेडिकल के नाम पर रखना चाह रहे थे.
- लेकिन दुर्भाग्य है कि लोकतंत्र में भाजपा ने नाम बदलना शुरू कर दिया।
- हमारी समाजवादी सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस मेडिकल को जनपद के लिए दिया था.
- जिसका काम शुरू हुआ. इसी बीच हमारी सरकार नहीं रही।
- इस दौरान राजकीय मेडिकल कालेज का नाम बदलकर शहीद उमानाथ सिंह के नाम पर करना ठीक नहीं है।
- उन्होंने कहा कि मुगलसराय स्टेषन का नाम दीनदयाल उपाध्याय रखा गया, किसी ने कोई विरोध नहीं किया।
- स्वर्गीय उमानाथ सिंह भारत बंद के दौरान कोतवाली गये हुए थे, वहीं पर उन्हें हार्ट अटैक हुआ और वे मर गये, इन्हें कैसे शहीद की श्रेणी रखा जा रहा है.
- इसी क्रम में कांग्रेष प्रदेश संयोजक फैसल हसन तबरेज ने भी सरकार पर हमला बोला.
- उन्होंने कहा है कि अगर मेडिकल कालेज के नामकरण की इतनी जल्दी थी, तो जौनपुर के माटी के लाल डीएनए फिंगर प्रिंट के जनक पद्म श्री स्व0 डा, लालजी सिंह के नाम पर किया जाना चाहिए था।
- अगर भाजपा अटल जी के प्रति ईमानदार होती तो राजकीय मेडिकल कालेज का नाम अटल जी के नाम से होना चाहिए था.
जौनपुर से संवाददाता तन्मय बरनवाल की रिपोर्ट
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