2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है। चुनाव आते ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। उत्तर प्रदेश में ये नजारा सपा और बसपा गठबंधन होने के बाद से ही दिखाई देने लगा है। समाजवादी पार्टी के एक दिग्गज और कद्दावर नेता ने बहुजन समाज पार्टी में अपनी वापसी की है। इस नेता का बसपा से सपा में जाकर फिर बसपा में आना साफ़ तौर पर बताता है कि गठबंधन को लेकर नेताओं के बीच कैसा माहौल है।

पूर्व मंत्री के बेटे ने ज्वाइन की बसपा :

2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन की घोषणा के साथ ही नेताओं ने दल बदलना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी से 2012 में यूपी की एत्मादपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले प्रेम सिंह बघेल ने बसपा में वापसी की है। 2019 के पहले उनके बसपा में जाने से क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में इसे सपा के लिए सबसे बड़ा झटका कहा जा रहा है। प्रेमसिंह बघेल ने लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के सामने बसपा की सदस्यता ली है। मौके पर मौजूद, बसपा जिलाध्यक्ष भारतेंदु अरुण के अनुसार उन्हें 3 लोकसभा क्षेत्र में काम करने की जिम्मेदारी मिली है। सपा के पूर्व नेता प्रेम सिंह बघेल समाज को बसपा से जोड़ने का काम करेंगे। वे बसपा सरकार में मंत्री रहे प्रेम सिंह बघेल के पुत्र है।

 

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बताया सपा छोड़ने का कारण :

यूपी की एत्मादपुर सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेता प्रेमसिंह बघेल से पूछा गया कि सपा और बसपा का गठबंधन तय है, ऐसे में उन्होंने पार्टी क्यों बदली। इस पर उन्होंने कहा कि उनके पिता पूर्व मंत्री किशन लाल बघेल बसपा सरकार में मंत्री थे। वे काफी समय से बसपा परिवार का हिस्सा थे। उनके पिता चाहते थे कि वे बसपा में रहें। उनकी मृत्यु के बाद बहुत सोच विचार किया और घर वापसी की। पूर्व मंत्री किशन लाल बघेल ने 1998 में बसपा टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। वहीं 2002 में बसपा सरकार में वे मंत्री भी रहे थे।

 

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