कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा पर होने वाले उपचुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन ने तैयारियाँ शुरू कर दी है। इन उपचुनावों में गठबंधन अपने साथ बसपा के समर्थन का दावा कर रहा है जिससे कई नये सियासी समीकरण बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। सपा और रालोद ने अपने गठबंधन के तहत प्रचार करने वाले स्टार नेताओं के सूची जारी कर दी है। इस सूची में एक बार फिर से शिवपाल यादव को नजरअंदाज करने के साथ ही कई बड़े चेहरों को जगह नहीं दी गयी है। इसके अलावा सपा ने अपने सुलतान नेता को भी कैराना भेजा है जिसके बाद सभी हैरान हैं।
मुलायम-शिवपाल नहीं करेंगे प्रचार :
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों की तरह एक बार फिर से सपा में दरार साफ़ तौर पर देखने को मिल रही है। कैराना उपचुनाव में भी सपा संरक्षल मुलायम सिंह यादव और कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव को जगह नहीं दी गयी है। वहीँ इस लिस्ट से इस बार सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का नाम भी गायब है जो अपने आप में काफी हैरान कर देने वाला है। एक और ख़ास बात है कि इन उपचुनावों में प्रचार करने अखिलेश यादव कैराना नहीं जायेंगे बल्कि लखनऊ से ही गठबंधन के प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे।
पूर्व विधायक को भेजा कैराना :
बरेली के स्थानीय सपा नेता पूर्व विधायक सुलतान बेग का विरोध करते रह गए और दूसरी तरफ कांवर के पूर्व विधायक की बिजनौर के नूरपुर उपचुनाव के लिए ड्यूटी सीधे लखनऊ से लगा दी गई। इसके लिए बाकायदा लखनऊ से सुल्तान बेग के लिए पत्र जारी कर दिया गया जिसमें कहा गया कि वह नूरपुर का उपचुनाव लड़ाने जाएं। उनके अलावा करीब 40 अन्य नेताओं को भी वहां लगाया गया है। सुल्तान बेग का नाम होना इसलिए चौंका रहा क्योंकि उनके सपा में शामिल होने की कोशिशों के दौरान खूब खींचतान हुई थी। जिले में सपा की सियायत में कद रखने वाले एक धड़े उनका खुला विरोध किया था। कुछ महीने पहले सुल्तान बेग ज्वाइनिंग की कोशिश में लखनऊ गए मगर विरोध के चलते बैरंग होना पड़ा था।